PAHAL
PAHAL
February 16, 2025 at 03:47 AM
सृजन सत्य का सत्य सृजन करने वाले को, करता हूॅं मैं अभिनंदन। पर बहरे हुए नेताओं को, देगी सुनाई नहीं क्रंदन।। हम अश्कों से गाथा लिखने वाले, श्रम से तकदीर बदलने वाले, करते राष्ट्रवाद का चंदन। सत्य सृजन करने वाले को, करता हूॅं मैं अभिनंदन। पर बहरे हुए नेताओं को, देगी सुनाई नहीं क्रंदन।। जो दिया राष्ट्र को गौरव पहले, स्वार्थ त्याग किया नित अहले, चाहे दुनिया हमें कुछ कह ले, हम हीं राष्ट्र के नायक नंदन। सत्य सृजन करने वाले को, करता हूॅं मैं अभिनंदन। पर बहरे हुए नेताओं को, देगी सुनाई नहीं क्रंदन।। मध्यकाल ने भ्रमित किया, वामपंथ ने दिग्भ्रमित किया, लोलुपता का जिसने रसपान किया, वो क्या कर पायेगा मंथन। सत्य सृजन करने वाले को, करता हूॅं मैं अभिनंदन। पर बहरे हुए नेताओं को, देगी सुनाई नहीं क्रंदन।। रहा कहॉं अंधेरा हरपल, चला नहीं सदा है छल बल, मिटाकर हम मिथक के पल, करना है नव रूप में सर्जन। सत्य सृजन करने वाले को, करता हूॅं मैं अभिनंदन। पर बहरे हुए नेताओं को, देगी सुनाई नहीं क्रंदन।। मुखर होना अब जरूरी है, सत्ता का प्रतिरोध मजबूरी है, मेरी लेखनी में धार अधूरी है, कब तक बहे पाठक का रक्त अकिंचन। सत्य सृजन करने वाले को, करता हूॅं मैं अभिनंदन। पर बहरे हुए नेताओं को, देगी सुनाई नहीं क्रंदन।। रचयिता:- राम किशोर पाठक प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना। संपर्क - 9835232978

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