
PAHAL
March 1, 2025 at 08:34 AM
विश्व नागरिक सुरक्षा दिवस - दोहावली
सजग रहे हर आम तो, आती विपदा अल्प।
जन जीवन सुरक्षा का, निकल आता विकल्प।।
दुर्घटना को रोकिए, सूझ-बूझ ले हाथ।
जिससे ना रहना पड़े, पछतावा के साथ।।
असावधानी से सदा, होती रहती घात।
पहले से हीं चेतिए, मिले नहीं आघात।।
अकस्मात घटित हो यदि, लगे नहीं अनुमान।
आम जीवन हो जाता, अस्त व्यस्त हलकान।।
प्रबंधन हमारा रहे, ऐसा चुस्त दुरुस्त।
शीघ्र मदद सबको मिले, पड़े न कोई सुस्त।।
आपदा हो कैसा भी, रहे सदा तैयार।
जिससे चोटिल को मिले, सदा शीघ्र उपचार।।
जानकारी रखना भी, होता एक बचाव।
मनाइए इस दिवस को, ऐसा हीं ले भाव।।
पाठक का प्रयास यही, हर कोई ले जाग।
जिससे डॅंस पाए नहीं, दुर्घटना का नाग।।
रचयिता - राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क - 9835232978