Bhajan Ganga
Bhajan Ganga
February 18, 2025 at 07:09 AM
https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34407/title/shyama-shyam-naam-roop-leela-gud-dhama--gaao-roke-roopdhyan-yukt-aaton-yama श्यामा-श्याम नाम रूप लीला गुण धामा। गाओ रोके रूपध्यान युक्त आठों यामा।। मन ते मनन करो श्याम अरु श्यामा। गरबाहीं दीन्हें बैठे कुंज ब्रजधामा।। मन ते मनन करो बरसाने धामा। गहवर वन हरि परखत श्यामा।। मन ते मनन करो श्याम सुखधामा। देयं बुहारी गहवर बनि श्यामा।। मन ते मनन करो दिव्य ब्रजधामा। जित नित नवलीला करें श्याम-श्यामा।। मन ते मनन करो गोलोक धामा। जित केकी कीर बोलें राधे राधे नामा॥ मन ते मनन करो वृंदावन धामा। जित नित्य महारास करें श्याम-श्यामा।। मन ते मनन करो दिव्य हरिधामा। जित दिव्य गोप गोपी श्याम अरु श्यामा॥ मन ते मनन करु दोऊ श्याम श्यामा। भुज फैला के खरे परखत धामा॥ मन ते मनन करु हरि सुखधामा। उर लगाय कह तू मेरी बामा॥ मन ते मनन करु निज गुरु धामा। गुरु उर बैठे देखें मोहिं श्याम-श्यामा॥ मन ते मनन करु हरि गुरु पामा। पुनि उन पद धरूँ निज उर धामा॥ मन ते मनन करु गुरु प्रेमधामा। सिर धरि कर देयँ प्रेम निष्कामा॥ मन ते मनन करु कब ब्रजधामा। जाके गाऊँ राधे राधे रोऊँ आठु यामा॥ मन ते मनन करु कृपामयी श्यामा। महल की टहल दिला दो संग बामा॥ मन ते मनन करु रूप श्याम श्यामा। रो के कहु ले लो मोहू संग ब्रज बामा॥ मन ते मनन करु भाव देह बामा। रोके कहे पिय देहु प्रेम निष्कामा॥ मन ते मनन करु हा श्याम श्यामा। या तो आओ या तो बुला लो निज धामा॥ मिले बिनु रहा नहिं जाय जब बामा। तब ही मिलेंगे श्याम अरु श्यामा॥ मिलें नहिं जब लौं तोहिं श्याम श्यामा। मिलन की प्यास बढ़ाओ आठु श्यामा॥ श्याम को रिझाना हो दो आँसू निष्कामा। भाजे आइहैं तजि गोलोक निज धामा॥ पुस्तक : श्यामा श्याम गीत दोहा संख्या : 979-1006 (रूपध्यान) पृष्ठ संख्या : 282 सर्वाधिकार सुरक्षित © जगद्गुरु कृपालु परिषत्

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