
Bhajan Ganga
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https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34842/title/jo-kahani-ram-ki-hai-vah-kahani-shyam-ki जो कहानी राम की है वो कहानी श्याम की राम के संग जानकी है राधा रानी श्याम की राम और लक्ष्मण की जोड़ी कृष्ण और बलराम की यह अयोध्या राम की है मथुरा नगरी श्याम की राम की कौशल्या माता देवकी गोपाल की राम है मेरे धनुषधारी मुरली है मेरे श्याम की शबरी के बेर को राम खाये गुजरी का माखन श्याम जी अवध बिहारी राम जी हैं कुंज बिहारी श्याम जी राम ने रावण को मारा कंस को श्री कृष्ण ने राम की सारी नगरिया आसमा मेरे श्याम की राम है दशरथ के लाल कृष्णा है नंदलाल के राम की होती दिवाली होली होती श्याम की

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34841/title/apne-es-balak-par-tum-upkar-kro-maa अपने इस बालक पर तुम, उपकार करो मां मुझे लेके शरण मे अपनी, बेड़ा पार करो मां हे मां जगदम्बे हे मां जगदम्बे मझधार में अटकी है मेरी जीवन की नईया-2 तुमसे लगाई आस मैंने ओ दुर्गे मईया-2 देकर सहारा हाथ का उद्धार करो मां मुझे लेके शरण में... हे मां जगदम्बे... तेरी शरण में जो आए उसकी विपता टल जाए-2 तू चाहे तो इन्सान की किस्मत बदल जाए-2 सुख में बदल जाए दुःख चमत्कार करो मां मुझे लेके शरण में.... हे मां जगदम्बे.... मईया मेरे दुर्भाग्य को तुम दूर भगा-2 दो-सोभाग्य का सूरज मेरी मां आज चमका दो-2 चिन्ता की आग से मेरा उद्वार करो मां मुझे लेके शरण मे.... हे मां जगदम्बे.... कर जोड़ कर विनती करू फल दीजो मनचाहा-2 अपनी कृपा के हाथ का मुझपर करो साया-2 करता तुम्हारा पूजन स्वीकार करो मां मुझे लेके शरण में.... हे मां जगदम्बे...... अपने इस बालक पर..... मुझे लेके शरण में..... हे मां जगदम्बे हे मां जगदम्बे

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34845/title/radha-kriya-kataksh-stotram मुनीन्द्र वृन्द वन्दिते त्रिलोक शोक हारिणि प्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनि व्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥ अशोक–वृक्ष–वल्लरी वितान–मण्डप–स्थिते प्रवालबाल–पल्लव प्रभारुणांघ्रि–कोमले । वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालये कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥२॥ अनङ्ग-रण्ग मङ्गल-प्रसङ्ग-भङ्गुर-भ्रुवां सविभ्रमं ससम्भ्रमं दृगन्त–बाणपातनैः । निरन्तरं वशीकृतप्रतीतनन्दनन्दने कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥३॥ तडित्–सुवर्ण–चम्पक –प्रदीप्त–गौर–विग्रहे मुख–प्रभा–परास्त–कोटि–शारदेन्दुमण्डले । विचित्र-चित्र सञ्चरच्चकोर-शाव-लोचने कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥४॥ मदोन्मदाति–यौवने प्रमोद–मान–मण्डिते प्रियानुराग–रञ्जिते कला–विलास – पण्डिते । अनन्यधन्य–कुञ्जराज्य–कामकेलि–कोविदे कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥५॥ अशेष–हावभाव–धीरहीरहार–भूषिते प्रभूतशातकुम्भ–कुम्भकुम्भि–कुम्भसुस्तनि । प्रशस्तमन्द–हास्यचूर्ण पूर्णसौख्य –सागरे कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥६॥ मृणाल-वाल-वल्लरी तरङ्ग-रङ्ग-दोर्लते लताग्र–लास्य–लोल–नील–लोचनावलोकने । ललल्लुलन्मिलन्मनोज्ञ–मुग्ध–मोहिनाश्रिते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥७॥ सुवर्णमलिकाञ्चित –त्रिरेख–कम्बु–कण्ठगे त्रिसूत्र–मङ्गली-गुण–त्रिरत्न-दीप्ति–दीधिते । सलोल–नीलकुन्तल–प्रसून–गुच्छ–गुम्फिते कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥८॥ नितम्ब–बिम्ब–लम्बमान–पुष्पमेखलागुणे प्रशस्तरत्न-किङ्किणी-कलाप-मध्य मञ्जुले । करीन्द्र–शुण्डदण्डिका–वरोहसौभगोरुके कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥९॥ अनेक–मन्त्रनाद–मञ्जु नूपुरारव–स्खलत् समाज–राजहंस–वंश–निक्वणाति–गौरवे । विलोलहेम–वल्लरी–विडम्बिचारु–चङ्क्रमे कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१०॥ अनन्त–कोटि–विष्णुलोक–नम्र–पद्मजार्चिते हिमाद्रिजा–पुलोमजा–विरिञ्चजा-वरप्रदे । अपार–सिद्धि–ऋद्धि–दिग्ध–सत्पदाङ्गुली-नखे कदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥११॥ मखेश्वरि क्रियेश्वरि स्वधेश्वरि सुरेश्वरि त्रिवेद–भारतीश्वरि प्रमाण–शासनेश्वरि । रमेश्वरि क्षमेश्वरि प्रमोद–काननेश्वरि व्रजेश्वरि व्रजाधिपे श्रीराधिके नमोस्तुते ॥१२॥ इती ममद्भुतं-स्तवं निशम्य भानुनन्दिनी करोतु सन्ततं जनं कृपाकटाक्ष-भाजनम् । भवेत्तदैव सञ्चित त्रिरूप–कर्म नाशनं लभेत्तदा व्रजेन्द्र–सूनु–मण्डल–प्रवेशनम् ॥१३॥ राकायां च सिताष्टम्यां दशम्यां च विशुद्धधीः । एकादश्यां त्रयोदश्यां यः पठेत्साधकः सुधीः ॥१४॥ यं यं कामयते कामं तं तमाप्नोति साधकः । राधाकृपाकटाक्षेण भक्तिःस्यात् प्रेमलक्षणा ॥१५॥ ऊरुदघ्ने नाभिदघ्ने हृद्दघ्ने कण्ठदघ्नके । राधाकुण्डजले स्थिता यः पठेत् साधकः शतम् ॥१६॥ तस्य सर्वार्थ सिद्धिः स्याद् वाक्सामर्थ्यं तथा लभेत् । ऐश्वर्यं च लभेत् साक्षाद्दृशा पश्यति राधिकाम् ॥१७॥ तेन स तत्क्षणादेव तुष्टा दत्ते महावरम् । येन पश्यति नेत्राभ्यां तत् प्रियं श्यामसुन्दरम् ॥१८॥ नित्यलीला–प्रवेशं च ददाति श्री-व्रजाधिपः । अतः परतरं प्रार्थ्यं वैष्णवस्य न विद्यते ॥१९॥ ॥ इति श्रीराधिकायाः कृपाकटाक्षस्तोत्रं सम्पूर्णम ॥

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34843/title/sancho-tharo-naam-hai राणी सती मैया सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं थारो रूप यो मन मोवे चुनर माथे पे है सोवे माथे पे बिंदिया लाल नैंनो मे कजरो यो सोवे लागे सुहाणो थारो अद्भूत ऋंगार है थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार है हांथा म है चुङा नाक में नथनी यो दमके दोंनो हाथों में मेहंदी लगी पाॅव में पायलियाॅ छनकै आख्यां से छलकै थारो प्यार बेशुमार है थारे ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं हिलमिल सगला आवे मैया थारी ज्योत जगावै हैं पूनम या अरज करे चरणां म शीश झुकाव है धोक लगावां हां म्हें सुबह और शाम मां थारै ही भरोसे म्हारो पुरो परिवार हैं

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34839/title/shri-radha-rani-ji-arti-shri-jai-jai-ho-shyama-ju-me-sharan-tihari-sewa-kunj-vaari-shri-lochan-arti-jau-balihari श्री राधा रानी आरती श्री जै जै हो श्यामा जू मैं शरण तिहारी, सेवा कुंज वारी, श्री हरिवंश दुलारी श्री लोचन आरती जाऊँ बलिहारी। पाट पीतांबर ओढ नील सारी, सीस के सिंदूर जाऊँ बलिहारी। पाट पीतांबर ओढ नील सारी, माँग के सिंदूर जाऊँ बलिहारी।। रतन सिंहासन बैठी श्री राधे, आरती करें हम पिय संग जोरी। फूल सिंहासन बैठी श्री राधे, आरती करें हम सब सखी जोरी।। झलमल झलमल मानिक मोती, अब लखि मुनि मोहे पिय संग जोरी। झलमल झलमल मानिक मोती, अब लखि मुनि मोहे राधे संग जोरी।। श्री राधे पद पंकज भगत की आशा, दास मनोहर करत भरोसा। श्री राधे पद पंकज भगत की आशा, दास मनोहर करत भरोसा। श्री राधा वल्लभ चरणन जाऊ बलिहारी जै जै हो राधे जू मैं शरण तिहारी, लोचन आरती जाऊँ बलिहारी।

महल राधिका का,बुहारा करेंगे उन्हें आते जाते,निहारा करेंगे महल राधिका.... चरण सेवा जीवन का,उदेश होगा समय गहवर वन में,गुज़रा करेंगे उन्हें आते जाते,निहारा करेंगे महल राधिका.... ढुंढेंगे उनको हम,कुंजों में जाकर सदा श्याम श्यामा,पुकारा करेंगे उन्हें आते जाते, निहारा करेंगे महल राधिका.... कभी तो बजायेंगे,मुरली मनोहर कभी तो सुनेगे हम,चरणों के नुपुर हुआ भाग्ये झाकीं,निहारा करेंगे महल राधिका.... रिझायेंगे प्रितम को,जैसे भी होगा तन मन धंन अपना,न्यौछारा करेंगे उन्हें आते जाते,निहारा करेंगे महल राधिका.... लगायेंगे बृज़ रज़ को,सभी तन बंदन पर जहाँ तक हुआ मन को मारा करेंगे उन्हें आते जाते,निहारा करेंगे महल राधिका.... कभी कभी रूठेगीं,भानु दुलारी मनायेंगे उनको,श्री मान बिहारी हम मन्दिंर की सिड़ी,बुहारा करेंगे उन्हें आते जाते,निहारा करेंगे महल राधिका.... इक दिन किशोरी जी,करूणा करेंगी चरणों की रज़ में,गुज़ारा करेंगे राधा श्री राधा, पुकारा करेंगे महल राधिका.... इक दिन वो आयेंगी,प्रियतम के संग में वहीं उसकी झाकीं,निहारा करेंगे राधा श्री राधा, पुकारा करेंगे महल राधिका.... उन्हें प्रेम डोरी में,हम बांध लेंगे फिर वो कहां भाग,जाया करेंगे राधा श्री राधा,पुकारा करेंगे महल राधिका....

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34847/title/aa-gaye-tere-darwar-sherawaliye करते तुम्हारी जय जयकार शेरावालिए, आ गए तेरे दरबार शेरावालिए।। पौड़ी-पौड़ी चढ़ मैया दर तेरे आए, लाल तेरे चंदे, लाल चुनरी भी लाए। कर ले तू चुनरी स्वीकार शेरावालिए... आ गए तेरे दरबार शेरावालिए।। ऊँचे-ऊँचे भवन मां, ऊँची तेरी शान है, दर पे आए भक्तों का रखती तू मान है। ज़िंदगी बना दे गुलज़ार शेरावालिए... आ गए तेरे दरबार शेरावालिए।। कहे जग सारा मैया, बड़ी तू दयाल है, इंद्र भी चरणों में हो गया निहाल है। साँवरे का कर दे बेड़ा पार शेरावालिए... आ गए तेरे दरबार शेरावालिए।।

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34846/title/milta-hai-humko-sukh-kewal-shyam-tumhare-bhajno-mein मिलता हैं हमको सुख केवल , श्याम तुम्हारे भजनों में , ये विनती हैं , हम भक्तों की , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , सारे जग को हमने छोड़ा हैं , बस तुमसे रिश्ता जोड़ा हैं , अब जुड़ा रहे बंधन ये सदा, रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , मिलता हैं हमको सुख केवल , श्याम तुम्हारे भजनों में , ये विनती हैं , हम भक्तों की , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , बरसो से हम तो भटक रहे , दर्शन को तुम्हारे तरस रहे , जब तक ना दरश तुम्हारा हो , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , मिलता हैं हमको सुख केवल , श्याम तुम्हारे भजनों में , ये विनती हैं, हम भक्तों की , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , हमें धन और दौलत मत देना , हमें नाम और शोहरत मत देना , बस इतनी कृपा तुम कर देना , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , मिलता हैं हमको सुख केवल , श्याम तुम्हारे भजनों में , ये विनती हैं , हम भक्तों की , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में , चाहे सुबह हो या शाम हो , होठो पे तुम्हारा नाम हो , हम जपते रहे तेरा नाम सदा , रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में , मिलता हैं हमको सुख केवल , श्याम तुम्हारे भजनों में , ये विनती हैं , हम भक्तों की , रहे ध्यान तुम्हारे भजनों में ,

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34840/title/asi-kal-bhi-aj-bhi-kal-bhi अस्सी कल भी आज भी कल भी तेरे दर ते आवा गे, कोई लोड पई ते मंगा गे नही ते शुकर मनावा गे, बच्चेया दे कम मइया आप करदी, ये बचे भूल जान मइयां माफ़ करदी, तेरे नाम सहारे मैया असी तर दे जावा गे, कोई लोड पई ते मंगा गे नही ते शुकर मनावा गे, हर हाल मइया तेरे दर आना है, इको ही तमना मैं दीदार पाना है, तेरी चोकठ उते आके तेनु आवाजा लावा गे, कोई लोड पई ते मंगा गे दुःख होवे ते दसा गे नही ते शुकर मनावा गे, अपना बनाया, बनाई रखी दातिए चरणा च लाया ते लाई रखी दातिए दस दर हुन छडके तेरा ,मां किथे जावा गे कोई लोड़ पई ने मंगागे नई ते शुक मनावागे अज अज कल वी अज वी तेरे दरते आवांगे कोई लोड पईले मंगा गे नइ शुक्र मनावागे

https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34838/title/hare-ram-hare-ram--hare-krishna-hare-krishna हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे.. रामा, रामा रामा हरे... हरे हरे कृष्णा हरे.. कृष्णा, कृष्णा कृष्ण हरे... हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे.. हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे.. रामा, रामा रामा हरे... हरे हरे कृष्णा हरे.. कृष्णा, कृष्णा कृष्ण हरे... हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे.. हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे.. रामा, रामा रामा हरे... हरे हरे कृष्णा हरे.. कृष्णा, कृष्णा कृष्ण हरे... हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे.. हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे.. रामा, रामा रामा हरे... हरे हरे कृष्णा हरे.. कृष्णा, कृष्णा कृष्ण हरे... हरे हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे..