Bhajan Ganga
Bhajan Ganga
February 26, 2025 at 06:13 AM
https://bhajanganga.com/bhajan/lyrics/id/34455/title/shivratri-diyan-badhaiyan शिवरात्री दीयां वधाईयां अज लख लख होन वधाईयां, शुभ शिवरात्री दीयां ।। शिव चौदश नूँ तड़के तड़के । शिव शंकर दा डमरू खड़के ।। वजे ढोल वजन शहनाईयां - शुभ शिवरात्री. शिव बूटी दे ला ला रगड़े । शिव भगतां मिल पाए भंगड़े ।। पी पी बाटे भंग शरदाईयां - शुभ शिवरात्री. मन्दिर मन्दिर लगा मेला । हर कोई मस्त फिरे अलबेला ।। अज रौनकां दून सवाईयां - शुभ शिवरात्री. शिव चौदश दी रात अनोखी । शिव - गौरां दी बारात अनोखी ।। सबै रज रज खान मठाईयां - शुभ शिवरात्री. फगन दी रूत, रूत बसन्ती । देख 'मधुप' हर पासे मस्ती ।। फुल कलियां खिल मुसकाईयां - शुभ शिवरात्री.

Comments