सकुन ऐ शायरी 🥀
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                January 31, 2025 at 03:00 PM
                               
                            
                        
                            एक नाराज़गी सी है ज़ेहन में.....
मगर मैं ख़फ़ा किसी से नहीं..!!🙂