सकुन ऐ शायरी 🥀
सकुन ऐ शायरी 🥀
January 31, 2025 at 03:03 PM
तुम्हें मालूम है कि मैं अक्सर रात को तन्हा,,,, अधूरा बैठकर तुमको मुकम्मल पास पाता हूं...!!🌙🤍

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