सकुन ऐ शायरी 🥀
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 16, 2025 at 02:52 PM
                               
                            
                        
                            कुछ ख़्वाब थे जो आप नें तोड़ दिए ,
और बाक़ी कुछ हमने देखना छोड़ दिए..!