सकुन ऐ शायरी 🥀
सकुन ऐ शायरी 🥀
February 16, 2025 at 02:53 PM
“मैं इंसानी ख़्वाहिशात की तह तक गया और मैंने ये पाया कि जो भी जिसके पास है, उसे उससे गिला है।”

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