Lost Muslim Heritage of Bihar
Lost Muslim Heritage of Bihar
February 3, 2025 at 05:48 AM
आज हम आपके सामने ज़ीनत मसूद ज़ैनब की लिखी किताब “ये गीत तुम्हारे लिए (बिहार के लोक गीत)” को पेश करने जा रहे हैं, जिसमें उन्होंने बिहार में मुस्लिम ख़ानदानो में शादी के मौक़े पर गए जाने वाले अलग अलग गीत को कम्पाइल किया है। इस किताब में ज़ीनत मसूद ज़ैनब लिखती हैं - ये गीत मेरे दिल की धड़कन है, ये गीत औरतों की मुसर्रत है। ये साज़ नहीं, संगीत नहीं, ये मेरी आवाज़ है। ये वो आवाज़ है जो दिलों से निकलती है। गीत में ढोल है, ताल है, साज़ है। ये मेरी अम्मी, नानी, दादी की और बिहार की सरताल है। मैं जो गाती थी बचपन से ये वही आवाज़ है। ये शादियाँने बहुतों ने गाए, मगर ये मेरी आवाज़ है। ये गीत बिहार की धड़कन है, ये गंगा के उछलते पानी की झंकार है। https://youtu.be/Sqjd69GKF4U?si=wP79qNZl-lM9vCxH
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