
Lost Muslim Heritage of Bihar
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About Lost Muslim Heritage of Bihar
*"Lost Muslim Heritage of Bihar"* is an attempt to revive the lost history, culture, and heritage of Bihar. During the partition of India, Bihar witnessed a large scale migration of Muslims that left permanent scars. People left their properties, their legacies, and their stories behind. This tragic cycle again got repeated during the Bangladesh liberation war that again affected Muslims of Bihar. In all this continuous chaos for the community, the heroic stories of Muslims of Bihar like *Sir Ali Imam* who was a great leader of the Bihar movement or of *Zafar Iqbal* who won the Hockey gold for India and of *Maulana Mazharul Haque* who is the founder of Patna University got shadowed slowly. All this needs to be revisited, retold. The Muslim diaspora of Bihar is now present in different states of India and also abroad but there is a need to revisit the history again. This page is an attempt to bring into light stories of culture, heritage, and contribution in the freedom struggle of the Muslims of Bihar. Follow Us On :- Facebook - https://www.facebook.com/LMHOBOfficial Twitter - https://x.com/LMHOBOfficial Instagram - https://instagram.com/lmhobofficial YouTube - https://youtube.com/@LMHOBOfficial Threads - https://www.threads.net/@lmhobofficial
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बेगू हज्जाम मस्जिद पटना शहर की सबसे पुरानी मस्जिद है। इसका निर्माण बंगाल के हुसैन शाही सल्तनत के संस्थापक अलाउद्दीन हुसैन शाह के हुक्म पर ख़ान मुअज़्ज़म नाज़िर ख़ान द्वारा ने 916 हिजरी यानी 1510 ईसवी में पटना सिटी के ख़्वाजा कलाँ में किया गया था। साल 1646 में बेग मुहम्मद द्वारा इस मस्जिद का जीर्णोद्धार करवाया गया और तभी से इसे बेगू हज्जाम मस्जिद के नाम से जाना जाने लगा। यह जानना बेहद दिलचस्प है कि यह एकमात्र ऐसी मस्जिद है, जिसे इसके संस्थापक या निर्माता (founder) के बजाय इसके जीर्णोद्धारक (renovator) के नाम से जाना जाता है। इस मस्जिद में दोनों दौर के कतबे लगे हुए हैं। https://youtube.com/shorts/IVYfwVUlljA?si=L1v15D7X7yWcsebO #Patna #Azeemabad #PatnaCity #OldPatna #Mosque #Masjid #Heritage #heritagemosque #MosqueofIndia #Waqf #SangiMasjid #PattharMasjid #Mughal #akbar

अरवल निवासी कांग्रेस MP तारिक़ अनवर और बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री बाबू के बीच का अनोखा रिश्ता #Bihar #ShriBabu #Patna #Politics https://youtube.com/shorts/fbeoXE3U4gc?feature=share

पटना यूनिवर्सिटी और मदरसा शमशुल होदा के संस्थापक जस्टिस सैयद नुरूल होदा - https://youtube.com/shorts/RQvLCbhMYNA?si=nnflO62ZBIMrf99t

17 मई 1934 को बिहार की राजधानी पटना के अंजुमन इस्लामिया हॉल में आचार्य नरेंद्र देव की अध्यक्षता में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की बुनियाद डाली गई थी। https://x.com/lmhobofficial/status/1923772327462134262?s=46

बिहार की राजधानी पटना के दीवान मुहल्ले में पैदा हुए शेख़ दीन मुहम्मद ने शैम्पू का ईजाद किया था। https://youtube.com/shorts/coSzOPjSEAg?si=dQGAvcZHs0NdxXAH

भारत की जंग ए आज़ादी के गुमनाम हीरो: पटना के मौलवी अहमदुल्लाह सादिक़पुरी की कुर्बानी का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनके ख़ानदानी क़ब्रिस्तान {वक़्फ़ स्टेट संख्या 1151} को खोद कर अंग्रेज़ों ने मौलवी साहब के बुज़ुर्गों की हड्डियों को निकाल कर बाहर फेंकवा दिया था। जायदाद नीलाम कर दिया, और उससे मिले पैसे से पटना नगर निगम की स्थापना हुई, पटना कॉलेज की इमारत बनी और शेख़ मट्ठा की गढ़ी की खुदाई कराई गई। और उसका नाम पटना के ज़िलाधिकारी मैंगल्स ने नाम पर मैंगल्स टैंक रखा गया जो अब मंगल तालाब के नाम से जाना जाता है। इन अज़ीम लोगों ने भारत से अंग्रेज़ों को भगाने के लिए अपना सब कुछ क़ुर्बान कर दिया। यहाँ तक कि ख़ुद भी अपने भाई के साथ काला पानी की सज़ा सहते हुए अंडमान में दफ़न हो गए। https://youtu.be/ueD7DXFa30Y?si=BIP1mQoZMQzcMlL1

https://x.com/lmhobofficial/status/1925416807076417843?s=46 बिहार में साल 1988 में बहुत भयावह ज़लज़ला आया था, जिसमें दरभंगा के किलाघाट स्थित मदरसा हमीदिया की पूरी इमारत ढह हो गई थी और 15 लोगों की दब कर जान चली गई थी। तब ज़लज़ला पीड़ित से मिलने राजीव गांधी और सोनिया गांधी बिहार आए थे, तब मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष यूनुस हुसैन हकीम ने राजीव गांधी को पूरी स्थिति से अवगत कराया। यूनुस हुसैन हकीम ने मदरसे के पुनर्निर्माण के लिए 25 लाख रुपये की मांग की थी, जिसके बाद डॉ. नागेन्द्र झा के सहयोग से 25 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई और मदरसे की नई इमारत का निर्माण कराया गया। तस्वीर उसी वक़्त की है। @Yunus Hussain Hakim

एक बड़ी ही नायाब तस्वीर हाथ लगी है, जिसमे आप बाईं से दाईं जानिब राजा महमूदाबाद मुहम्मद अमीर अहमद ख़ान, सैयद नक़ी इमाम, महाराजकुमार मुहम्मद अमीर हैदर ख़ान और सैयद मेहदी इमाम को देख सकते हैं। ये तस्वीर लखनऊ में खैंची गई है। राजा और महाराजकुमार अवध इलाक़े के महमूदाबाद के तालुक़दार थे। वहीं नक़ी इमाम और मेहदी इमाम का ताल्लुक़ पटना से था। एक मुस्लिम लीग के अध्यक्ष रहे अली इमाम के बेटा थे तो दूसरे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हसन इमाम के। दोनों ही बैरिस्टर भी थे। नक़ी इमाम पटना हाई कोर्ट में जज हुए, बिहार विधानपरिषद के सदस्य भी रहे, और उसके उपसभापति भी, उनकी पत्नी अज़ीज़ा इमाम दो टर्म राज्यसभा की सदस्य रहीं, वहीं साला कर्नल महबूब अहमद आज़ाद हिन्द फ़ौज में बड़े अफ़सर थे और आज़ादी के बाद डिप्लोमैट की हैसियत से अलग अलग मुल्क में रहे। वहीं मेहदी इमाम पटना हाई कोर्ट में वकालत करते थे। अंग्रेज़ी ज़ुबान के पहले बिहारी नाटककार भी थे। उनकी शादी असम और उड़ीसा के राज्यपाल के साथ स्टेट रियॉर्जनाइज़ेशन कमीशन के अध्यक्ष रहे जस्टिस फ़ज़ल अली की बेटी से हुई। वहीं साला सैयद मुर्तज़ा अली थे जो जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के साथ सुप्रीम कोर्ट के भी जज हुए। राजा और महाराजकुमार के वालिद मुहम्मद अली मुहम्मद ख़ान लखनऊ को यूपी की राजधानी बनवाने वालों में से थे और उन्होंने ही लखनऊ यूनिवर्सिटी बनवाई थी। ठीक इसी तरह अली इमाम और हसन इमाम अलग बिहार राज्य बनवाने वालों में से थे। और इन लोगों ने पटना यूनिवर्सिटी की स्थापना में अहम रोल निभाया था। https://x.com/lmhobofficial/status/1924906715675607212?s=46

बिहार के गया के इंटवा के एक ज़मींदार रईस इमाम ख़ान की कहानी, जिनका मानना था कि ज़मींदारी एक ज़िम्मेदारी है। https://youtu.be/s0javrSHcWY?si=hvNs_fQcuIRPwEx9

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