नीरज कौशिक स्वयंसेवक
नीरज कौशिक स्वयंसेवक
February 27, 2025 at 10:18 PM
https://m.haryana.punjabkesari.in/haryana/news/crisis-on-higher-education-in-haryana-2110399/ शिक्षा पर ध्यान देकर चहुमुखी विकास संभव किया जा सकता है क्योंकि एक योग्य शिक्षक हजारों/लाखों योग्य जागरूक नागरिक निर्माण में अपनी अति विशिष्ट भूमिका निभाता है। युवाओं को उचित मार्गदर्शन देकर देश के अर्थतंत्र को सुदृढ़ करने में सफल बनता है। भारत में योग्य शिक्षकों की कमी नहीं है। नीति निर्धारक,कुलाधिपति,कुलपति को एक शिक्षक की नजर से समाज हित में अपने कर्तव्यों के निर्वहन की आवश्यकता है। उचित सामयिक मानदेय के लिए भी शिक्षकों को स्वतंत्रता के अमृत काल की बेला में संघर्ष करना पड़े, वास्तविकता दुर्भाग्यपूर्ण है। अमृत कलश से ज्ञान की गंगा भारतवर्ष की पुण्य धरा पर पुनः अवतरित करने के लिए किसी को तो भागीरथी पुरुषार्थी प्रयास करने ही होंगे। विश्व गुरु बनने का स्वप्न ही ना देखें, उसे संकल्प से सिद्धि का मूर्त रूप देने के लिए सैनिक निर्णय लेने वाले नीति निर्धारक भी सृजित करना परम आवश्यक है। अन्यथा व्यवस्थाएं तो अपनी गति से चल रही हैं।चरम उत्कर्ष के लिए राष्ट्र प्रथम, शिक्षा प्रथम,शिक्षक प्रथम ही मूल मंत्र है। - नीरज कौशिक

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