
नीरज कौशिक स्वयंसेवक
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About नीरज कौशिक स्वयंसेवक
भारतवर्ष की महान सभ्यता,संस्कृति और उत्कर्ष की गाथाएं
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14 फरवरी 2019 का दिन भारत के इतिहास में एक काला दिन है। इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान बलिदान हुए थे। मां भारती के वीर सुपुत्रों के बलिदान दिवस पर उनके सम्मान में आज मैं यह प्रण लेता हूं मेरे जीवन का लक्ष्य मां भारती की संतानों के प्रति निस्वार्थ सेवा भाव तथा मेरे अंतिम समय में मां भारती की आराधना और संघ प्रार्थना ही मेरे अनंत की यात्रा के साक्षी बनेंगे। - नीरज

#हर_दिन_पावन_हर_क्षण_पवित्र मां भारती का प्रत्येक सुपुत्र /सुपुत्री अपनी मातृभूमि,मातृभाषा, कुल की कीर्ति,यश की पताका रूपी धर्म ध्वजा को समर्पित है। यही शाश्वत सनातन सत्य है। - नीरज कौशिक

#हर_दिन_पावन_हर_क्षण_पवित्र #पुष्यनक्षत्र हिंदी हैं हम शब्द-शृंखला में आज का शब्द है - निकुंज जिसका अर्थ है 1. कुंज 2. उपवन। कवि सुमित्रानंदन पंत ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। मेरे निकुंज, नक्षत्र वास! इस छाया मर्मर के वन में तू स्वप्न नीड़ सा निर्जन में है बना प्राण पिक का विलास! लहरी पर दीपित ग्रह समान इस भू उभार पर भासमान, तू बना मूक चेतनावान पा मेरे सुख दुख, भाव’च्छ्वास! आती जग की छवि स्वर्ण प्रात, स्वप्नों की नभ सी रजत रात, भरती दश दिशि की चारवात तुझमें वन वन की सुरभि साँस! कितनी आशाएँ, मनोल्लास, संकल्प महत, उच्चाभिलाष, तुझमें प्रतिक्षण करते निवास, है मौन श्रेय साधन प्रयास! तू मुझे छिपाए रह अजान निज स्वर्ण मर्म में खग समान, होगा अग जग का कंठ गान तेरे इन प्राणों का प्रकाश! मेरे निकुंज, नक्षत्र वास!

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