अदल तौहीद
अदल तौहीद
February 23, 2025 at 03:45 PM
रसूलअल्लाह ﷺ ने हज़रत मुआज़ (रज़ि०) को यमन भेजा और फ़रमाया: तुम एक ऐसी क़ौम के पास जा रहे हो जो अहले-किताब हैं, उन्हें तौहीद (ला-इला-ह इल्लल्लाह) की (यानी अल्लाह के एक होने की) शहादत देने और इस (शहादत) की कि मैं अल्लाह का रसूल हूँ दावत देना। अगर वो तुम्हारी ये बात तस्लीम कर लें तो उन्हें बताना कि अल्लाह ने उन पर हर दिन रात में पाँच नमाज़ें फ़र्ज़ की हैं। अगर वो ये भी मान लें तो उन्हें बताना कि अल्लाह ने उन पर उन के मालों में सदक़ा (ज़कात) फ़र्ज़ की है जो उन के मालदारों से ले कर उन के फ़कीरों में बाँटी जाएगी। अगर वो ये बात मान लें तो उन के उम्दा मालों से परहेज़ करना और मज़लूम की बद-दुआ से बचना, बेशक मज़लूम की बद-दुआ और अल्लाह के बीच कोई पर्दा नहीं होता❗️ 📘(अबूदाऊद:1584)
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