
अदल तौहीद
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रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया👇 अल्लाह जिसके साथ भलाई चाहता है, उसे दीन की समझ अता कर देता है।💯#अदल_तौहीद
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रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- जो मस्जिद से ज़्यादा दूर हो फिर जो उससे भी ज़्यादा दूर हो तो उसका सवाब पहले शख़्स से भी ज़्यादा है❗️ 📘(इब्नेमाजा:782)

रसूलअल्लाह ﷺ जब फ़ज्र की नमाज़ पढ़ चुकते तो सूरज निकलने तक अपनी नमाज़ वाली जगह में बैठे रहते❗️ 📘(नसाई:1358)

रसूल-अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- कि सजदे में एतिदाल (बीच के रास्ते) को ही अपनाए रखो और अपने बाज़ू कुत्तों की तरह न फैलाया करो❗️ 📘(बुखारी:822)

रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- बदले में मेल मिलाप करने वाला सिला रहमी करने वाला नहीं है,बल्कि सिला रहमी करने वाला वो है जो तोड़े जाने वाले रिश्ते को जोड़े❗️ 📘(अबूदाऊद:1697)

रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया :- जब तुममें से कोई शख़्स वुज़ू करता है। और वुज़ू भी ख़ूब सँवार कर करता है। फिर मस्जिद की तरफ़ आता है तो सिर्फ़ नमाज़ के लिये (घर से) निकलता है नमाज़ के सिवा और कोई मक़सद नहीं होता, तो वो जो क़दम भी उठाता है उसके बदले अल्लाह तआला उसका एक दर्जा बुलन्द फ़रमाता है और एक गुनाह माफ़ करता है। (उसको उसी तरह सवाब मिलता रहता है) यहाँ तक कि वो मस्जिद में दाख़िल हो जाता है,फिर जब वो मस्जिद में दाख़िल हो जाता है तो जब तक वो नमाज़ की वजह से रुका रहता है (सवाब के लिहाज़ से) नमाज़ ही में (गिनती) होता है❗️ 📘(इब्नेमाजा:774)

रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- जिसने अपने आपको लोहे (के हथियार) से क़त्ल किया तो वो हथियार उस के हाथ में होगा और वो हमेशा-हमेशा के लिये जहन्नम की आग में रहेगा,उसे अपने पेट में घोंपता रहेगा।जिस ने ज़हर पी कर ख़ुदकुशी की,वो हमेशा-हमेशा के लिये जहन्नम की आग में उसे घूँट-घूँट पीता रहेगा और जिसने अपने-आपको पहाड़ से गिरा कर ख़ुदकुशी की,वो हमेशा-हमेशा के लिये जहन्नम की आग में पहाड़ से गिरता रहेगा❗️ 📘(मुस्लिम:300)

रसूल-अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- जब तुम जनाज़ा देखो तो खड़े हो जाया करो यहाँ तक कि वो तुम्हें छोड़ कर आगे निकल जाए या रख दिया जाए❗️ 📘(तिर्मिज़ी:1042)

रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- जिसे ये बात अच्छी लगती हो कि उसका रिज़्क़ कुशादा और उमर तवील हो तो उसे चाहिये कि अपने अज़ीज़ और रिश्तेदारों से मेल मिलाप रखे❗️ 📘(अबूदाऊद:1693)

रसूलअल्लाह ﷺ ने फ़रमाया:- जब नमाज़ की इक़ामत हो जाए तो नमाज़ के लिये दौड़ कर न आओ बल्कि (मअमूल के मुताबिक़ मुनासिब रफ़्तार से) इत्मीनान से चलते हुए आओ,फिर जितनी नमाज़ (जमाअत के साथ) मिल जाए पढ़ लो और जो छूट जाए वो (बाद में) पूरी कर लो❗️ 📘(इब्नेमाजा:775)

हज़रत आयशा (रज़ि०) फ़रमाती हैं कि मैंने रसूलअल्लाह ﷺ से क़ब्र के अज़ाब के बारे में पूछा तो आपने फ़रमाया:हाँ अज़ाबे-क़ब्र हक़ है। हज़रत आयशा (रज़ि०) बयान करती हैं कि उसके बाद मैंने रसूलअल्लाह ﷺ को जो भी नमाज़ पढ़ते देखा आप उसमें अज़ाबे-क़ब्र से पनाह माँगते थे❗️ 📘(नसाई:1309)