
Kitabganj / किताबगंज
February 12, 2025 at 04:23 AM
नए शहर में
पुराने किताब की तरह मिलता है।
कोई है इस शहर में
अब भी
जो बिना बात के मिलता है।
हाथ बढ़ाने पर
गले ही लगा लेता है
एक इंसान इस शहर में
पुराने मिज़ाज से मिलता है।।
(फ़ोटो: @Sammya Brata)
#happyhugday
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