Kitabganj / किताबगंज
Kitabganj / किताबगंज
February 14, 2025 at 09:15 AM
एक दिन वो हँसे और मैंने बंदूकों की फैक्ट्री को बंद करवा लिपस्टिक की फैक्ट्री लगवा दी। एक दिन वो रूठे और मैंने सारे तानाशाह तख्त से उतार दिए सारी क्रांतियां पूरी कर दी। एक दिन वो मचले और मैंने रंग भेद मिटा दुनिया पिंक कर दी। इस तरह प्रेम में मैने दुनिया बदल दी।। #valentinesday (फ़ोटो : अज्ञात)
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