
Kitabganj / किताबगंज
February 22, 2025 at 06:13 AM
बदहवासी में गुज़र न जाये,
ये जीवन दफ़्तर की
उदासी में गुज़र न जाये।
मुझे छुट्टियां नहीं मिली
इस बार भी फरवरी में
मेरे काम से लौटने के इंतेज़ार में
वो व्यक्ति अपने ऑफिस के काम से
वक़्त निकाल
सुंदर बालियां निकाल
सज रहा है
मेरे कठोर जीवन में जो भी
रहा है
वो कोमल सौंदर्य
खोया बसन्त
यूँ बच रहा है।।
(फ़ोटो: @jagrutikatkar )
❤️
10