
Mo Kamil Rza Ansari
February 27, 2025 at 07:12 PM
फिलिस्तीन में आज जो कुछ भी (क़त्ल_ए_आम);हो रहा है। उसे हर फिलिस्तीनी 75 साल से भुगत रहा है.
इस बार हुआ ये है कि सोशल मीडिया और "अल_जजीरा" जैसे मीडिया संस्थान ने उसे बड़े स्तर पर कवर किया और फिस्तीनियों के क़त्ल_ए_आम को दुनिया ने देखा।
ये जंग क्यूं हो रही है, जियोनिज्म का जन्म कैसे हुआ, इतिहास किया कहता है, सच्चाई किया है। आइए जानते हैं।👇
2 मई 1860 को बुद्धापेस्ट में "थियोडोर हर्जल" नाम के एक शख्स का जन्म होता है, और जब ये 18 साल का होता है तो ये पत्रकार बन जाता है,20 साल की उम्र में ये "मेसन_तंजीम" से जुड़ जाता है। और साल 1897 में "मेसन_तंजीम" की मदद से Zionism की नींव एवं प्रचार शुरू करता है।
वहीं पर एक "सारा हिदाया" नाम की लड़की होती जो अपना दुपट्टा उतर कर उसे देती और उस वो नीले रंग ऊपर_नीचे दो लकीरें खींचता और बीच में सितारा बनाता है ( ऊपर_नीचे की लकीरें का मतलब होता है दरिया_ए_नील और दरिया_ए_फरात सितारे का मतलब "दाऊद का सितारा") दरअसल ये एक झंडा होता है जो आज इजरायल का राष्ट्रीय झंडा है।
साली 1899 में थियोडोर हर्जल की मुलाक़ात "खलीफा_ए_इस्लाम सुल्तान अब्दुल हमीद II" से "एलदीज़ महल" में होती और ये येरूशलम में जमीन खरीदने की पेशकश करता है जमीन बेचने के एवज (बदले) में सल्तनत का सारा क़र्ज़ खुद चुकाने की बात कर है जिसे सुल्तान बेचने से मना कर देते हैं।
दरअसल 1883 में एक कानून बनाया गया जिससे कि येरुशलम के अंदर कोई यहूदी जमीन नहीं खरीद सकता था।
कानून के मुताबिक ये हुक्म दिया गया कि यहूदी येरुशलम को छोड़ कर पूरी खिलाफत_ए_उस्मानिया में कहीं भी बस सकते, जमीन खरीद सकते है और खेती भी कर सकते हैं ये हुक्म पश्चिम के जुल्म से परेशान सभी यहूदियों पर लागू किया गया।
लेकिन हर्जल येरुशलम में जमीन खरीदने की अपनी पर अडिग रहा जिससे सुल्तान ने गुस्से में आकर उसे महल से बाहर निकाल दिया।