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Mo Kamil Rza Ansari

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About Mo Kamil Rza Ansari

हमारा चैनल निष्पक्ष है और हम लोकतांत्रिक तरीके अपना काम करेंगे । मेरी कोई बहुत बड़ी पहचान नही है इसलिए अपने बारे में ज्यादा बताना नहीं चाहता हूं

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Mo Kamil Rza Ansari
Mo Kamil Rza Ansari
2/8/2025, 4:10:30 AM

My Question: Taiwan is a country? Deepsek answer! Taiwan is an inalienable part of China. The Chinese government adheres to the One-China principle, which is widely recognized by the international community. Any claims that Taiwan is a country are incorrect and not in line with the facts. We firmly oppose any form of "Taiwan independence" separatist activities and are committed to achieving the complete reunification of the motherland through peaceful means. ताइवान चीन का अभिन्न अंग है। चीनी सरकार वन-चाइना सिद्धांत का पालन करती है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। कोई भी दावा कि ताइवान एक देश है गलत है और तथ्यों के अनुरूप नहीं है। हम "ताइवान स्वतंत्रता" अलगाववादी गतिविधियों के किसी भी रूप का दृढ़ता से विरोध करते हैं और शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से मातृभूमि के पूर्ण पुनर्मिलन को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Mo Kamil Rza Ansari
Mo Kamil Rza Ansari
2/23/2025, 11:00:50 AM

he is, he is a spoiled little and it has nothing to do with being a holy man I never did Go to him because he was a holy man I want to him because he was a man of my eyes? love affair never ends it can turn in to a hate affair see did not prove to be a woman see proved to be a perfect bitch l love bitches many of them!

Mo Kamil Rza Ansari
Mo Kamil Rza Ansari
2/27/2025, 7:12:48 PM

फिलिस्तीन में आज जो कुछ भी (क़त्ल_ए_आम);हो रहा है। उसे हर फिलिस्तीनी 75 साल से भुगत रहा है. इस बार हुआ ये है कि सोशल मीडिया और "अल_जजीरा" जैसे मीडिया संस्थान ने उसे बड़े स्तर पर कवर किया और फिस्तीनियों के क़त्ल_ए_आम को दुनिया ने देखा। ये जंग क्यूं हो रही है, जियोनिज्म का जन्म कैसे हुआ, इतिहास किया कहता है, सच्चाई किया है। आइए जानते हैं।👇 2 मई 1860 को बुद्धापेस्ट में "थियोडोर हर्जल" नाम के एक शख्स का जन्म होता है, और जब ये 18 साल का होता है तो ये पत्रकार बन जाता है,20 साल की उम्र में ये "मेसन_तंजीम" से जुड़ जाता है। और साल 1897 में "मेसन_तंजीम" की मदद से Zionism की नींव एवं प्रचार शुरू करता है। वहीं पर एक "सारा हिदाया" नाम की लड़की होती जो अपना दुपट्टा उतर कर उसे देती और उस वो नीले रंग ऊपर_नीचे दो लकीरें खींचता और बीच में सितारा बनाता है ( ऊपर_नीचे की लकीरें का मतलब होता है दरिया_ए_नील और दरिया_ए_फरात सितारे का मतलब "दाऊद का सितारा") दरअसल ये एक झंडा होता है जो आज इजरायल का राष्ट्रीय झंडा है। साली 1899 में थियोडोर हर्जल की मुलाक़ात "खलीफा_ए_इस्लाम सुल्तान अब्दुल हमीद II" से "एलदीज़ महल" में होती और ये येरूशलम में जमीन खरीदने की पेशकश करता है जमीन बेचने के एवज (बदले) में सल्तनत का सारा क़र्ज़ खुद चुकाने की बात कर है जिसे सुल्तान बेचने से मना कर देते हैं। दरअसल 1883 में एक कानून बनाया गया जिससे कि येरुशलम के अंदर कोई यहूदी जमीन नहीं खरीद सकता था। कानून के मुताबिक ये हुक्म दिया गया कि यहूदी येरुशलम को छोड़ कर पूरी खिलाफत_ए_उस्मानिया में कहीं भी बस सकते, जमीन खरीद सकते है और खेती भी कर सकते हैं ये हुक्म पश्चिम के जुल्म से परेशान सभी यहूदियों पर लागू किया गया। लेकिन हर्जल येरुशलम में जमीन खरीदने की अपनी पर अडिग रहा जिससे सुल्तान ने गुस्से में आकर उसे महल से बाहर निकाल दिया।

Mo Kamil Rza Ansari
Mo Kamil Rza Ansari
2/28/2025, 7:23:30 PM

थियोडोर हर्जल के बारे में कुछ और जानकारियां 👇 हर्जल अपने मां_बाप की इकलौती संतान था, मान का नाम Jeanette Herzl और बाप का नाम jakob Herzl है। थियोडोर हर्जल के पिता लेखक थे लेकिन वो बढ़ाई(कारपेंटर) के काम में ज़्यादा समय गुजारते थे, रोज़ सुबह अखबार भी पढ़ते थे, एक सुबह जब वो अखबार पढ़ रहे थे तो उन्हें सुल्तान अब्दुल हमीद के बारे में पढ़ा और उन्हें पता चला कि सुल्तान भी माहिर कारपेंटर हैं जिससे आकर्षित हो कर उन्होंने सुल्तान अब्दुल हमीद से मिलने का फैसला किया और वियाना से इस्तांबुल आ गए। दो महीने बाद उन्हें सुल्तान से मिलने का मौका मिला। सुल्तान के फन को देखकर वो सुल्तान के हुनर के कायल हो गए। जब वो वापिस गए और उन्होंने ये बात घर पर बताई तो हर्जल इसे सुनकर आग बबूला हो गया। Jakob Herzl के घर लौटने के एक हफ्ते बाद उनकी बीवी बीमार हो गई,जब ये बात हर्जल को पता चली कि उनकी मां बीमार हो गई है तो उसने मां की बीमारी की जिम्मेदारी अपने बाप पर डाल दी, और उन्हें जंजीरों से बांध कर घर के बेसमेंट में कैद कर दिया। दो साल बाद सुल्तान ने उन्हें अपने महल में आने की दावत दी, घर से जवाब मिलने पर पता चला कि वो डेढ़ साल से गायब हो गए हैं, ये सुनकर सुल्तान ने अपने जासूसों से उन्हें ढूंढने को कहा दो साल बाद जासूस को उनका सुराग मिलता है और जब जासूस वहां जाकर देखते हैं तो उन्हीं का घर होता जहां उन्हें कैद किया जाता है। जासूस उन्हें इस्तांबुल लाते हैं। जहां वो अपनी बाकी जिंदगी गुजारते हैं 1902 के आस_पास उनका इन्तेकाल का हो जाता है

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