
Mo Kamil Rza Ansari
February 28, 2025 at 07:23 PM
थियोडोर हर्जल के बारे में कुछ और जानकारियां 👇
हर्जल अपने मां_बाप की इकलौती संतान था, मान का नाम Jeanette Herzl और बाप का नाम jakob Herzl है।
थियोडोर हर्जल के पिता लेखक थे लेकिन वो बढ़ाई(कारपेंटर) के काम में ज़्यादा समय गुजारते थे, रोज़ सुबह अखबार भी पढ़ते थे, एक सुबह जब वो अखबार पढ़ रहे थे तो उन्हें सुल्तान अब्दुल हमीद के बारे में पढ़ा और उन्हें पता चला कि सुल्तान भी माहिर कारपेंटर हैं जिससे आकर्षित हो कर उन्होंने सुल्तान अब्दुल हमीद से मिलने का फैसला किया और वियाना से इस्तांबुल आ गए। दो महीने बाद उन्हें सुल्तान से मिलने का मौका मिला।
सुल्तान के फन को देखकर वो सुल्तान के हुनर के कायल हो गए।
जब वो वापिस गए और उन्होंने ये बात घर पर बताई तो हर्जल इसे सुनकर आग बबूला हो गया।
Jakob Herzl के घर लौटने के एक हफ्ते बाद उनकी बीवी बीमार हो गई,जब ये बात हर्जल को पता चली कि उनकी मां बीमार हो गई है तो उसने मां की बीमारी की जिम्मेदारी अपने बाप पर डाल दी, और उन्हें जंजीरों से बांध कर घर के बेसमेंट में कैद कर दिया।
दो साल बाद सुल्तान ने उन्हें अपने महल में आने की दावत दी, घर से जवाब मिलने पर पता चला कि वो डेढ़ साल से गायब हो गए हैं, ये सुनकर सुल्तान ने अपने जासूसों से उन्हें ढूंढने को कहा दो साल बाद जासूस को उनका सुराग मिलता है और जब जासूस वहां जाकर देखते हैं तो उन्हीं का घर होता जहां उन्हें कैद किया जाता है। जासूस उन्हें इस्तांबुल लाते हैं।
जहां वो अपनी बाकी जिंदगी गुजारते हैं 1902 के आस_पास उनका इन्तेकाल का हो जाता है