कृषि जागृति-Krishi Jagriti
कृषि जागृति-Krishi Jagriti
February 11, 2025 at 04:15 PM
खाद का संकट या मिलीभगत का खेल, खाद के लिए लग रही लंबी कतारें, फिर भी जवाब आउट ऑफ स्टॉक! बांका, बिहार: जिले में यूरिया खाद की भारी किल्लत के कारण किसान ऊंचे दामों पर इसे खरीदने को मजबूर हैं। गेहूं और मक्का की फसल के लिए यूरिया काफी जरूरी है, लेकिन इसका सरकारी मूल्य 266 रुपए होने के बावजूद किसान इसे 400 से 520 रुपए में खरीदने को मजबूर हैं। अमरपुर बाजार समेत कई इलाकों में खाद की कालाबाजारी जोरों पर चल रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं। स्थानीय दुकानदार ऊंचे दामों पर यूरिया की बिक्री को सही ठहरा रहे हैं और झारखंड से खाद आने का दावा कर रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि झारखंड से जिले में यूरिया कैसे पहुंच रहा है और इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है? वहीं किसानों का कहना है कि वे कर्ज लेकर या धान बेचकर महंगा यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। कई किसानों को चार बोरी की जगह दो बोरी ही दी जा रही है। खाद की इस किल्लत और कालाबाजारी के बीच प्रशासन की खामोशी ने किसानों की परेशानी और बढ़ा दी है। जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें।

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