Mufti Touqueer Badar Alqasmi Alazhari
Mufti Touqueer Badar Alqasmi Alazhari
February 21, 2025 at 04:24 AM
_*यौमुल जुमा (शुक्रवार का दिन)*_ ✍️ मुफ्ती तौकीर बदर प्रिय पाठकों, आज सूरह कहफ़ की तिलावत और दरूद शरीफ़ पढ़ने का विशेष ध्यान रखें! क्या आप जानते हैं कि शुक्रवार का दिन हमारे ईमानवालों के लिए बहुत ही बरकतों वाला दिन है? इसलिए आज हमें जुमा की नमाज़ की तैयारी के साथ-साथ सूरह कहफ़ की तिलावत और अधिक से अधिक दरूद शरीफ़ पढ़ने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हदीस-ए-पाक में इसकी बड़ी फज़ीलत (महत्ता) आई है। हज़रत उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) की रिवायत में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि जो व्यक्ति शुक्रवार के दिन सूरह कहफ़ की तिलावत करता है, उसके कदमों के नीचे से लेकर आसमान की ऊँचाइयों तक एक नूर (प्रकाश) फैला होता है, जो क़ियामत के दिन उसके लिए अंधेरे में रौशनी का काम करेगा। और इसी के साथ, इस शुक्रवार से अगले शुक्रवार तक के दरम्यान के छोटे-छोटे गुनाह माफ़ कर दिए जाते हैं। यानी इस सूरत की बरकत से इंसान उन दिनों में गुनाहों से बचा रहता है। हदीस मुबारक: "من قرأَ سورةَ الكهفِ يومَ الجمعةِ سطعَ له نورٌ من تحتِ قدمِهِ إلى عنانِ السماءِ يُضئ له يومَ القيامةِ وغفرَ له ما بين الجمعتينِ" (रावी: हज़रत उमर बिन ख़त्ताब, मحدث: सय्यूती, किताब: अल-बदूर अस्साफिरह, हदीस नंबर: 249 - इस्नाद ठीक है) इसी के साथ, शुक्रवार को "सय्यदुल अय्याम" यानी सारे दिनों का सरदार कहा जाता है। इस दिन सभी नबियों के सरदार हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर अधिक से अधिक दरूद भेजना चाहिए। हदीस शरीफ़: हज़रत आउस बिन आउस (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया: "तुम्हारे दिनों में सबसे अफ़ज़ल (श्रेष्ठ) दिन जुमा का दिन है। इसी दिन हज़रत आदम (अलैहिस्सलाम) पैदा किए गए, इसी दिन उनकी वफ़ात हुई, इसी दिन सूर फूंका जाएगा और इसी दिन सारी मख़लूक़ बेहोश होगी। इसलिए इस दिन मुझ पर ज्यादा से ज्यादा दरूद भेजो, क्योंकि तुम्हारा दरूद मुझ पर पेश किया जाएगा।" (सुनन नसाई, हदीस नंबर: 1385, बाब: जुमा के दिन दरूद शरीफ़ की कसरत) इन हदीसों की रोशनी में हमें चाहिए कि आज सूरह कहफ़ की तिलावत और दरूद शरीफ़ की कसरत ज़रूर करें। आप सब से गुज़ारिश है कि अपनी दुआओं में मुल्क, उम्मत और इस तुच्छ लेखक को भी याद रखें। नोट: क)याद रखें कि शुक्रवार के दिन सूरज डूबने से पहले तक सूरह कहफ़ की तिलावत की जा सकती है। ख)आप अगर सूरह कहफ की तिलावत नही कर सकते,तो उसे किसी इंसान या मोबाइल पे किसी कारी से सुन ले । शुक्रिया। __ आप सभी की दुआओं का तलबगार! तौक़ीर बदर अल-क़ासिमी डायरेक्टर: अल-मर्कज़ुल इल्मी लिलइफ्ता व तहक़ीक़, सुपौल दरभंगा, बिहार पूर्व प्रवक्ता: अल-मअहदुल आली लिलक़ज़ा वल इफ्ता, अमारत-ए-शरीया, फुलवारी शरीफ, पटना, बिहार, भारत संपर्क: फोन: +91 8789554895 ईमेल: [email protected] https://whatsapp.com/channel/0029VanfrMPCcW4uesYGyc3N
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