
🙏🏻आत्मसुख की ओर🕉️
February 4, 2025 at 06:57 AM
🌻 जागो.... उठो.... अपने भीतर सोये हुए निश्चयबल को जगाओ। सर्वदेश, सर्वकाल में सर्वोत्तम आत्मबल को अर्जित करो।
🌻 कोई आपके लिए बुरा सोच रहा है और आप उसका बुरा नहीं सोचते हो तो आपके चित्त में जो खुदना था वह बन्द हो गया, पटरियाँ बनना बन्द हो गया तो उसकी द्वेष की गाड़ी आपके चित्त में चलेगी नहीं। सामने वाला कैसा भी व्यवहार करे लेकिन आपके
चित्त में उसकी स्वीकृति नहीं है, आप लेते ही नहीं उसके द्वेष की बात को, तो उसका द्वेष आगे चलेगा नहीं ।आपने पटरियाँ बनायी ही नहीं उसके द्वेष की गाड़ी चलने के लिए।
🌻जो अपने सदगुरु को शरीर मानता है या केवल एक जगह मानता है, वह सदगुरु की स्थिति नहीं समझ सकता और उनसे पूरा लाभ भी नहीं ले पाता।
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