🙏🏻आत्मसुख की ओर🕉️
🙏🏻आत्मसुख की ओर🕉️
February 7, 2025 at 02:20 AM
🌻 ऐसा वचन न बोलो न सुनो जिससे तुम्हारी बरबादी हो, ऐसा वचन किसीको न कहो जिससे किसीकी श्रद्धा की बरबादी हो । 🌻 भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं- “हे उद्धव ! तू बदरिकाश्रम चला जा। कोई किसी का नहीं है। कोई किसी के साथ आया नहीं, कोई किसी के साथ जायेगा नहीं। तू बोलता है कि मैं तुम्हारे साथ चलूँ लेकिन तू मेरे साथ आया नहीं, न मैं तेरे साथ आया हूँ। सब अकेले-अकेले जायेंगे। मुझसे तू तत्त्वज्ञान सुन ले। फिर मुझसे तू ऐसा मिलेगा कि बिछुड़ने का दुर्भाग्य ही नहीं आयेगा।” 🌻हरि गुर साध समान चित, नित आगम तत मूल। इन बिच अंतर जिन परौ, करवत सहन कबूल ।। परमात्मा, सद्गुरु और साधु-संतों का हृदय एक समान होता है । यह शास्त्रों का मूल तत्त्व है। इनके बीच कोई अंतर नहीं समझना चाहिए ।

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