
MUFTI ABDUSSUBHAN MISBAHI
February 17, 2025 at 07:12 AM
*और फिर हुआ यूँ कि* वक़्त ने एक नया मोड़ लिया, और जो नामुमकिन लगता था, वह हक़ीक़त बनने लगा।
जो रास्ते बंद नज़र आ रहे थे, वे अचानक खुलने लगे। मुश्किलों ने सब्र का इम्तिहान लिया, मगर साबित क़दमी ने कामयाबी की राह हमवार कर दी। जो लोग साथ छोड़ गए थे, उनकी यादें रह गईं, और जो बाक़ी रहे, वही असली कहानी का हिस्सा बन गए।
*ज़िंदगी ने एक नया सबक़ दिया*: हर अंधेरे के बाद सवेरा है, हर आज़माइश के बाद आसानी है, और हर गिरने वाले के लिए उठने का एक मौक़ा ज़रूर होता है।