
मे नास्तिक क्यों हूं
February 27, 2025 at 03:15 AM
---::: धर्मयुद्ध:::---
मनुस्मृति प्रकरण 1, श्लोक नम्बर 33.
यह देखो कर्म से वर्ण पैदा करने वाले मुर्खो!
भावार्थ:::---जन जन के कल्याण को उत्कृष्ट अभिलाषा के कारण ब्रह्मा ने अपने मुख से ब्राह्मण, भुजाओं से क्षत्रिय घुटनों से वैश्य और पैरों से शुद्र पैदा किए?
श्लोक नम्बर 34,
भावार्थ:::--- श्रष्टि का चक्र चलायमान रहे, इस उद्देश्य से ब्रह्मा ने अपने शरीर को दो भागों में विभाजित किया। आधे भाग से पुरुष की श्रष्टि की और दुसरे आधे भाग से नारी की। दोनों भागों के रति कर्म से श्रष्टि का क्रम बना रहे और विराट जगत की उत्पत्ति हुई।
टिप्पणी:::--- जब ब्रह्मा ने ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र को मुंह भुजा घुटना और पैरों से पैदा कर ही दिया तो अपने शरीर के दो हिस्से पुरुष नारी पैदा क्यों किए और कर ही दिए तो उन आदमी औरत के मिलन से जो बच्चे बच्चियां पैदा हुए वो क्या थे/हैं?
वैसे तो यह सब हरामियों का हगा वर्णभेदी झूठा गन्दा गटर है फिर भी यह डुप्लीकेसी क्यों की ससुरों ने?
ये हरामी इतने पर ही नहीं रुके सालों ने ब्राह्मणों से बलात्कार करवाया और वर्णशंकर/नाजायज नीच पैदा कर दिए।
अगर मुँह से पैदा हुआ है ब्राह्मण और पैरों से पैदा है शुद्र तो आज भी यही हो रहा होता लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि सारी जातियाँ एक ही जगह से पैदा होती हैं वो है मां का गर्भ.
अर्थात मुँह से ब्राह्मण पैरों से शुद्र पैदा कर ऊंच नीच की गन्दगी फेलाने बाली हरामियों की हगी वर्णभेदी कागजी गटर सनातन का हिस्सा नहीं है.
फिर क्यों झेल रहे हो सालो की हगी गंदगी क्यों नहीं जलाते हरामियों की हगी झूठी गन्दी कागजी गटर वेद पुराण रामायण महाभारत गीता भागवत मनुस्मृति रामचरितमानस उपनिषद आदि को जिनमें भगवान और इन्सान सबकी मां बहन कर दी केवल ब्राह्मणों को ऊंच बनाने के लिए और आप पूज रहे हो शास्त्र ग्रन्थ बना के, क्यों?
क्यों नहीं जलाते गंदगी को? कब तक नीच नजाइज् का ठप्पा लिए जीते रहोगे?
"मनुविधान जलाओ जूता मार के,
संविधान बचाओ सीना तान के".
जय भीम।
जय संविधान।
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