Muwahid
February 3, 2025 at 02:15 AM
*who created God Part 2*
*खुदा को बनाने वाला कौन है?*
इस सवाल जबाब है तो बहुत आसान और सीधा सा जैसा की रिचर्ड डॉकिन्स से डिबेड के दौरान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन लेनिक्स ने कहा था कि खुदा कहते ही उसको है, जो मखलूक ना हो, यानी खुदा का बुनियादी तसव्वुर ही यह है, कि खुदा बिना किसी बनाने वाले (creator), जमान (time), मकाम (space) और मबाद (matter) के अपना वुजूद रखता है।
जिसे डॉ ज़ाकिर नाइक ने एक नास्तिक (Athiest) के पूछने पर बेहतरीन मिसाल से समझया था, कि खुदा का बनाने वाला कौन है? ये सवाल करना बिल्कुल ऐसा है जैसे आप ये कहें कि बिलाल ने बच्चा पैदा किया, बताए वो लड़का है या लड़की?
जबकि ये मुसल्लमा हकीकत है कि मर्द की फितरत ही नही है कि वह बच्चा पैदा करे, कि जाकर हम उसकी तफसीलात मालूम करे, आसान लफ़्ज़ों में ये कह सकते है, कि ये सवाल ही गैर-जरूरी है।
इसी तरह से ये सवाल भी गैर जरूरी है, कि खुदा का बनाने वाला कौन है? क्योंकि वो खुदा हो नही सकता जिसका कोई बनाने वाला हो, खुदा कहते ही उसको है जिसका कोई बनाने वाला न हो जिसका कोई खालिक (creator) न हो।
लेकिन नास्तिक (Athiest) की अक्ल इसको तसलीम करने को तैयार नही होती है, उसकी अक्ल में यही ख्याल आता रहता है कि जब हर चीज़ का कोई बनाने वाला होता है, तो खुदा का बनाने वाला कौन है?
तो आइए नास्तिक (Athiest) की बिफरी हुई अक्ल का cosmological argument के द्वारा इलाज करते हैं
*cosmological argument* :- अगर में इसको आसान भाषा समझाऊं तो वो ये होगा, कि देखे कोई भी वाकिया इस दुनिया मे रुनुमा होता है या पेश आता है तो उसकी कोई ना कोई वजह होती है, वो वाकिया
बिला वजह रुनुमा नही होता विला वजह पेश नही आता। तो फिर उस वाकिया के रुनुमा होने के पीछे भी कोई वजह होती है, फिर उस वजह की वजह भी वजह होती है, तो कहीं न कही ये सिलसिला रुकेगा, अगर ये सिलसिला यूँही हमेशा चलता रहे तो, वो जो पहला वाकिया रुनुमा हुआ था पेश आया था तो वो कभी की रुनुमा न हो, क्योंकि ये सिलसिला हमेशा यू ही चलता रहेगा, इसलिए उस पहले वाकिया के रुनुमा होने के लिए इस सिलसिले को कहीं ना कहीं रुकना पड़ेगा, और जहाँ भी ये सिलसिला रुके तो उस को साइंस की जवान में *(first cause)* यानी पहला सबब कहा जाता है उस first cause यानी इस कायनात को बनाने वाले पहले सबब को ही मोमिन खुदा कहता है, इसी को हम cosmological argument कहते हैं।
*इस को एक मिसाल से समझिये*:-
ये दुनिया बनी तो सवाल पैदा होगा की दुनिया को बनाने का सबब (cause) क्या है? तो मान लीजिये मैटर और एनर्जी है फिर सवाल होगा की मैटर और एनर्जी का सबव क्या है? तो पता चला मैटर और एनर्जी का सबव बिग बैंग है, तो फिर बिग बैंग का सबव क्या है? अगर अब ये कहा की बिग बैंग का सबव खुदा है तो सवाल होगा खुदा का सबब क्या है?
आपने कहा कि खुदा का सबव x है, तो सवाल होगा x का सबव क्या है? तो आप कहेंगे y है तो सवाल होगा y का सबव क्या है? तो आप कहेंगे z है तो सवाल होगा z का सबव क्या है? तो A है, A का सबव क्या है? तो B है, B का सबव क्या है? तो c है, c का सबव क्या है?...
इसी तरीके से आप हमेशा चलते रहेंगे तो ये दुनिया कभी वुज़ूद में नही आ सकती, तो आपको कहीं ना कही रूकना पड़ेगा।
मसलन आप ये कहेंगे कि ये दुनिया बनी इसका सबव क्या है? तो बिग बैंग है तो बिग बैंग का सबव क्या है? तो खुदा है तो खुदा का सबब क्या है? तो कोई नही! लिहाज़ा जब खुदा का सबव कोई नही है। तो वह कहीं से वुजूद में नही आया, यानी कि खुदा हमेशा से वुजूद में है, तो खुदा ने अपने इरादे से इस दुनिया को वुज़ूद बख्शा, बिग बैंग हुआ और बिग बैंग के नतीजे में ये क़ायनात, फिर ये दुनिया बन गई।
*इसको एक मिसाल से और समझिये*:-
आप एक सैनिक के बारे में सोचिये जिसे आपका लक्ष्य (target) मिल गया, लेकिन अभी उसे गोली चलाने के लिए अपने से ऊपर के अधिकारी से पता करने की जरूरत है, लेकिन वह ऊपर का अधिकारी कहता है, मैं भी अपने ऊपर के अधिकारी के मातहत हूं, मुझे भी अपने से ऊपर के अधिकारी से पता करने की जरूरत है, अब वह ऊपर का अधिकारी कहता है, कि मैं भी अपने ऊपर के अधिकारी के मातहत हूं, मुझे भी अपने से ऊपर के अधिकारी से पता करने की जरूरत है, जरा सोचिए यदि मातहती की यह चैन अंतहीन हो तो क्या वह सैनिक अपने लक्ष्य (target) पर गोली चला पायेगा? निश्चित रूप से नही, सैनिक अपने लक्ष्य पर गोली उसी समय चला सकता है, जबकि उस चैन में एक अधिकारी ऐसा हो जो निर्णय (फैसला) लेने में किसी का मातहत ना हो, और किसी से सलाह मशवरा किये वगैर फैसले लेने का अधिकार रखता हो।
जब हम इस नियम को क़ायनात पर लागू करते हैं तो हम बहुत आसानी से इस नतीजे पर पहुच जाते हैं कि क़ायनात के आंरभ का यही बिंदु वह सत्ता है जो किसी की भी मातहत नही है और स्वतंत्रता पुर्वक फैसले लेती है, इसी स्वतंत्रता सत्ता को खुदा कहते है।
खुदा को किसने बनाया? ये सवाल तो तब हो जब क़ायनात बनी न हो लेकिन अब क़ायनात बन चुकी है हम दुनिया में मौजूद है हम खा रहे है पी रहे हैं चरिंद परिंद सब मौजूद हैं इसका मतलब कोई तो जात है जिसने कहा मुझे किसी से पता करने की कोई जरूरत नही है, उसी जात को हम खुदा कहते हैं।
👍
💯
2