Muwahid
February 5, 2025 at 04:52 PM
अल्हम्दुलिल्लाह!
अल्लाह तआला ने मुझे अपनी ख़ास रहमत से एक बेटा अता किया है। मेरी दुआ है कि यह फ़र्ज़न्द दीन का झंडा उठाए, हक़ और बातिल के दरमियान फर्क करने वाला बने और अपनी ज़िंदगी अल्लाह के दीन की सरबुलंदी और अल्लाह की राह में जिहाद में खर्च करे।
इंशाअल्लाह यह एक दिन ज़ुल्म केअंधेरों को मिटाकर हक़ के परचम को बुलंद करेगा!
رَبَّنَا ہَبۡ لَنَا مِنۡ اَزۡوَاجِنَا وَ ذُرِّیّٰتِنَا قُرَّۃَ اَعۡیُنٍ وَّ اجۡعَلۡنَا لِلۡمُتَّقِیۡنَ اِمَامًا
“ऐ हमारे रब, हमें अपनी बीवियों और अपनी औलाद से आँखों की ठण्डक दे और हमको परहेज़गारों का इमाम बना।”
(कुरआन 25:74)
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