Adv. Prakash Ambedkar Official
Adv. Prakash Ambedkar Official
March 1, 2025 at 03:33 PM
हमारे पास चाँद पर पहुँचने और वापस आने की टेक्नोलॉजी है, लेकिन हमारा जाति-ग्रस्त समाज सीवर साफ़ करने के लिए मशीनों का उपयोग नहीं कर पा रहा है! कानूनों और अदालत के आदेशों के बावजूद, हाथ से मैला ढोने की प्रथा जारी है और सफाई कर्मचारियों की मौत हो रही है। सरकार और अधिकारी चाहते हैं कि हम यह मान लें कि हाथ से मैला ढोने की प्रथा खत्म हो गई है! मैंने कुछ मिनट पहले बेजवाड़ा विल्सन से फ़ोन पर बात की और उन्होंने टिप्पणी की कि सत्ता में बैठे लोग सफ़ाई कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो बातें 15 साल पहले कही जा रही थीं, वे आज भी दोहराई जा रही हैं; कुछ भी नहीं बदला है।” “उनके पास हर चीज़ के लिए पैसा है, लेकिन दलितों और सफ़ाई कर्मचारियों के लिए उनके पास बजट नहीं है। यह सत्ता में बैठे लोगों का असली चेहरा है!” मैं विल्सन की बात से से पूरी तरह सहमत हूँ। दलितों की परवाह किसी को नहीं है!
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