𝗗𝗔𝗜𝗟𝗬 𝗜𝗦𝗟𝗔𝗠𝗜🕊
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February 26, 2025 at 05:46 PM
✾⊙✿ *⚀_ बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम _,⚀* ▁▁▂▃︽▃▂▁▁ *👀_ जब _आंख _खुलेगी _👀* *▒ पोस्ट↝79 ▒* ▁▁▂▃︽▃▂▁▁ *⊙:➻ क़यामत के दिन की पेशी_,* ┏───────────────────┯ ✿ *✪○- हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने इरशाद फरमाया :-“_ क़यामत के दिन लोगों की तीन पेशियां होंगी, पहली दो पेशियों में तो बहस, झगड़ा और उज्र माजरतें होंगी, और तीसरी पेशी नामा ए आमाल (के नतीजे) हाथो में पकड़ाए जाएंगे, पस कोई दाहिनें हाथ मे लेगा और कोई बांए हाथ मे _,”* *®_ तिर्मिज़ी -2/65_* *✪○- यानी दो पेशियों में तो ये होगा कि जब मुजरिमों के सामने उनके नाम आमाल पेश किए जाएंगे तो वो इंकार की कोशिश करेंगे, कि ये हमारे आमाल नहीं हैं, हमारे नाम झूठ मूट लिख दिए गए हैं, कभी कहेंगे कि हमारे पास कोई डराने वाला नहीं आया, हम तो बिलकुल बेखबर थे, कभी कहेंगे कि हमारे बड़ों ने हमें गुमराह किया, हम तो उनके ताबे थे, हमारा कोई क़सूर नहीं, कभी कहेंगे कि हमें दुनिया मे दोबारा भेज दिया जाए, हम नेक और फरमाबरदार बन कर आएंगे,* *✪○- अलगरज़ इस तरह सो सो उज़्र बहाने करके जान बचाने की कोशिश करेंगे मगर ये सब बहाने बेकार जाएंगे और सारी हुज्जतों को एक कर के तोड़ दिया जाएगा, जब मुजरिमों के पास कोई हुज्जत बाक़ी नहीं रहेगी तो तीसरी पेशी में हर एक की किस्मत का आखिरी फैसला कर दिया जाएगा, अल्लाह तआला के नेक फरमाबरदार बंदो को निहायत इज्ज़त व इकराम के साथ जन्नत का परवाना उनके दाएं हाथ में दिया जाएगा जिसे पढ़ कर वो खुशी से बाग बाग हो जाएंगे और मुजरिमों को लानत का तोक़ पहना कर उनकी सजा का फैसला बाएं हाथ में दिया जाएगा और वो बा सदरे जि़ल्लत व ख्वारी व असले जहन्नम होंगे _,"* *🗂️_ जब आंख खुलेगी _118 ( हजरत युसुफ लुधियानवी शहीद रह.)* ╨─────────────────────❥ 💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕 ✍
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