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6/8/2025, 3:12:57 PM

The Prophet said, Convey (my teachings) to the people even if it were a single sentence. [Sahih Al Bukhari 3461] *♦️Qur'an Translation♦️* ➖▫️➖▫️➖▫️➖ *जरूर देखें और शेयर करें।*👆

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6/8/2025, 3:11:54 PM

बेशक यह अमल अल्लाह को खूब पसंद है❤️💫

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6/9/2025, 3:39:56 PM

*🌺09-06-2025/12-Zul Hijjah-1446🌺* ☞❦ *Aaj Ki Baat* ❦☜ •┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈• *🍃_ Hume Eid Udaas Nahi Karti Yaade'n Karti Hai'n.. Un Logo'n Ki Jo Hote they aur Ab Sirf Duao'n me Hote Hai'n, Jo Humse Bichhad gaye Magar Dil Ki Dhadkan me Kahi'n Baqi Hai'n, Allah Un Sabke Darjaat Buland Kare _,* •┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈• *🍃_ ہمیں عید اداس نہیں کرتی یادیں کرتی ہیں۔ ان لوگوں کی جو ہوتے تھے اور اب صرف دعاؤں میں ہوتے ہیں۔ جو ہم سے بچھڑ گئے مگر دل کی دھڑکن میں کہیں باقی ہیں۔ اللہ ان سب کے درجات بلند کرے _,* ‎ •┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈• *🍃_हमें ईद उदास नहीं करती यादें करती हैं.. उन लोगों की जो होते थे और अब सिर्फ दुआओं में होते हैं, जो हमसे बिछड़ गए मगर दिल की धड़कन में कहीं बाक़ी हैं, अल्लाह उन सबके दरजात बुलंद करे _,* •┈┈┈┈••✦✿✦••┈┈┈┈•

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6/8/2025, 3:25:27 PM

किसी का मोहताज न होगा...

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6/8/2025, 3:09:52 PM

🎍﷽ 🎍 *❥ निकाह ❥* *⚄ पार्ट -60 ⚄* *⇰महर ए मिस्ल:-* ∞≅∞≅∞≅∞≅∞ *✪_ महर ए मिस्ल का मतलब ये है कि औरत के बाप के घराने में से जो औरत उसके मिस्ल (बराबर की) हो, यानी अगर ये कम उम्र है तो वो भी निकाह के वक्त कम उम्र हो, अगर ये खूबसूरत है तो वो भी खूबसूरत हो, जिस इलाक़े की ये रहने वाली है उसी इलाक़े की वो भी हो, अगर ये दीनदार होशियार या सलीक़ामंद, पढ़ी लिखी है तो वो भी ऐसी ही हो,* *✪_गर्ज़ वालिद के खानदान में जो औरतें इन बातों में उसकी तरह थी, उनका जो महर तय हुआ था वही उसका महर ए मिस्ल है,* *®_रद्दुल मुहतार-3/137,* *✪_ बाप के घराने की औरतों से मुराद उसकी फुफियां, चाचाजा़द बहनें वगेरा हैं, महर मिस्ल में मां का महर नहीं देखा जाता, अगर मां भी बाप ही के घराने से हो, जैसे बाप ने अपने चाचा जा़द से निकाह कर लिया था तो उनके महर को भी "महर मिस्ल" कहा जायेगा_,"* *⇲ अगला पार्ट- 61 🔜 इंशा अल्लाह ता'ला,* *↳® इज़्दवाजी ज़िंदगी के शरई मसाइल* *▍✿ ✒ तालिब ए दुआ ✧* ✍

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6/8/2025, 3:28:23 PM

कारोबार में बरकत....

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6/9/2025, 3:41:53 PM

*🌸ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ* 🌹حدیث:- عَنْ عَمْرِو بْنِ مَيْمُونٍ قَالَ مَنْ قَالَ لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيكَ لَهُ لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيرٌ عَشْرَ مِرَارٍ كَانَ كَمَنْ أَعْتَقَ أَرْبَعَةَ أَنْفُسٍ مِنْ وَلَدِ إِسْمَعِيلَ . *🌹हदीस:- जिस शख्स ने दस बार: (ला इला-ह इल्लल्लाहु वहदहु ला शरी-क लहु लहुल-मुल्कु व लहुल-हम्दु व हु-व अला कुल्लि शैइन कदीर) पढ़ा वो उस शख्स की तरह होगा जिसने हजरत इस्माईल (अलैहि०) की नस्ल से चार गुलाम आजाद किये हों।* 🌷सहीह मुस्लिम,हदीस नं:6844. 🌹اردو حدیث:- جس شخص نے دس بار : لا اله الا الله وحده لا شريك له ، له الملك وله الحمد وهو على كل شيء قدير پڑھا وہ اس شخص کی طرح ہو گا جس نے حضرت اسماعیل علیہ السلام کی نسل سے چار غلام آزاد کیے ہوں ۔ *🌹Hadees:- He who uttered: There is no god but Allah, the One, having no partner with Him, His is the Sovereignty and all praise is due to Him and He is Potent over everything ten times, he is like one who emancipated four slaves from the progeny of Isma'il. Rabi' b.* 🌷Sahih Muslim,Hadees No:6844 ✍

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6/9/2025, 3:40:54 PM

*🌸ﺑِﺴْـــــــــــــﻢِﷲِالرَّحْمٰنِﺍلرَّﺣِﻴﻢ* 🌹حدیث:- رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ قَالَ: مَنْ قَالَ حِينَ يُصْبِحُ وَحِينَ يُمْسِي سُبْحَانَ اللَّهِ وَبِحَمْدِهِ مِائَةَ مَرَّةٍ لَمْ يَأْتِ أَحَدٌ يَوْمَ الْقِيَامَةِ بِأَفْضَلَ مِمَّا جَاءَ بِهِ إِلَّا أَحَدٌ قَالَ مِثْلَ مَا قَالَ أَوْ زَادَ عَلَيْهِ . *🌹हदीस:- रसूलुल्लाह ﷺ ने फरमाया: कोई शख्स जब सुबह करे और जब शाम करे तो सौ बार (सुब्हानल्लाहि व बिहम्दिही) कहे तो कियामत के दिन कोई शख्स उससे बेहतर अमल लेकर नहीं आएगा, सिवाए इसके जो इतनी बार (ये कलिमात) कहे या उससे ज्यादा बार कहे।* *🌷सहीह मुस्लिम,हदीस नं:6843.* 🌹اردو حدیث:- رسول اللہ ﷺ نے فرمایا : کوئی شخص جب صبح کرے اور جب شام کرے تو سو بار سبحان الله وبحمده کہے تو قیامت کے روز کوئی شخص اس سے بہتر عمل لے کر نہیں آئے گا ، سوائے اس کے جو اتنی بار (یہ کلمات) کہے یا اس سے زیادہ بار کہے ۔ *🌹Hadees:- The Prophet ﷺ said: He who recites in the morning and in the evening (these words): Hallowed be Allah and all praise is due to Him one hundred times, he would not bring on the Day of Resurrection anything excellent than this except one who utters these words or utters more than these words.* 🌷Sahih Muslim,Hadees No:6843 ✍

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6/8/2025, 3:10:50 PM
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6/8/2025, 3:08:50 PM

🎍﷽ 🎍 *❥ निकाह ❥* *⚄ पार्ट -59 ⚄* *⇰शोहर को महर हदिया करना,* ∞≅∞≅∞≅∞≅∞≅∞≅∞≅∞ *✪_ औरत बगैर किसी ज़बरो कराह के अपनी रज़ा व रगबत से महर का कुछ हिस्सा या कुल महर शोहर को हदिया कर दे, ये शोहर के लिए हलाल है, चुनाचे इरशादे बारी ताअला है (सूरह अन-निसा, आयत- 4):-* *✪ _( तर्जुमा) तुम लोग बीवीयों को उनका महर ख़ुशदिली से दे दिया करो, अगर वो बीवियां ख़ुशदिली से छोड़ दें तुमको उस महर में कोई हिस्सा (और यही हुक्म कुल का भी है) तो (इस हालत है) तुम उसको खाओ (काम में लो) मजेदार ख़ुशगवार समझकर,* *✪_इस आयत की तफ़सीर करते हुए हज़रत मुफ़्ती मुहम्मद शफ़ी साहब रह. तहरीर फरमाते हैं:- महर के मुताल्लिक़ अरब में कई क़िस्म के ज़ुल्म होते थे, एक ये कि महर जो लड़की का हक़ है उसको ना दिया जाता था, बल्कि लड़की के वली (वाल्देन) शोहर से वसूल कर लेते थे, जो सरासर जुल्म था, इसको दफा करने के लिए कुरान ए करीम ने फरमाया कि शोहर अपनी बीवी का महर खुद बीवी को दे और दूसरे को ना दे, और लडकियों के वली (वाल्देन) अगर लड़कियों के महर उनको वसूल हो जाएं तो ये लड़कियों ही को दे, उनकी इजाज़त के बगैर अपने तसर्रुफ़ में ना लाएं,* *✪_दूसरा ज़ुल्म ये था कि अगर कभी किसी को महर देना भी पड़ गया तो बहुत तल्खी और नागवारी के साथ तावान समझ कर देते थे, इस ज़ुल्म का इज़ाला आयते मज़कूरा में करते हुए फरमाया कि खुश दिली के साथ दिया जाए,* *✪_गर्ज़ इस आयत में ये तालीम फरमाई गई कि औरतों का महर एक हक़ ए वाजिब है, इसकी अदायगी ज़रूरी है और जिस तरह तमाम हुक़ूक़ ए वाजिबा को खुश दिली के साथ अदा करना ज़रूरी है उसी तरह महर को भी समझना चाहिए _, (म'आर्फुल कुरान -2/297)* *⇲ अगला पार्ट- 60 🔜 इंशा अल्लाह ता'ला,* *↳® इज़्दवाजी ज़िंदगी के शरई मसाइल* *▍✿ ✒ तालिब ए दुआ ✧* ✍

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