
𝗗𝗔𝗜𝗟𝗬 𝗜𝗦𝗟𝗔𝗠𝗜🕊
February 27, 2025 at 03:48 PM
*🏵﷽ 🏵*
│ ✦ *जकात के मसाइल* ✦
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│ *✷पोस्ट नं-33✷*
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*★_ जकात देने में गल्ती हो जाए तो इसका हुक्म_★*
*★_ अगर किसी शख्स ने किसी को गरीब व मुस्तहिक समझ कर जकात दे दी, फिर मालूम हुआ कि वह तो जि़म्मी काफिर (यानी ऐसा काफिर जो दारुल इस्लाम के शहरी हुक़ूक़ रखता हो) या मालदार या सैयद है ।*
*"_या रात के अंधेरे में किसी को दे दिया फिर मालूम हुआ कि वह उसकी मां उसका बाप या कोई ऐसा रिश्तेदार है इसको जकात देना उसके लिए दुरुस्त नहीं था।*
*"★_ इन सूरतों में जकात अदा हो गई दोबारा लौटाने की जरूरत नहीं क्योंकि जकात की रकम उसके मिल्क से निकल कर महले सवाब में पहुंच चुकी है और जो गलती किसी अंधेरी या मुगालते की वजह से हो गई वह माफ है।*
*®_( फतावा दारुल उलूम- जिल्द 2)*
*★_और अगर जकात देने के बाद मालूम हुआ कि जिसको जकात दी है वह गैर काफिर है (यानी ऐसा काफिर जो दारुल इस्लाम के शहरी हुक़ूक़ ना रखता हो) तो फिर जकात अदा नहीं होगी दोबारा अदा करना पड़ेगी ।*
*★"_अगर किसी के बारे में शक हो कि मालूम नहीं मुस्तहिक है या नहीं?तो जब तक तहकीक़ ना हो जाए उस वक्त तक उसको जकात ना दें लेकिन अगर बगैर तहकी़क़ के दे दी अब अगर गुमान है यह गरीब था तो जकात अदा हो गई और गालिब गुमान यह हो कि मालदार था तो जकात अदा नहीं होगी दोबारा अदा करनी पड़ेगी ।*
*📘 फिक़हुल इबादात-297*
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💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕
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