
𝗗𝗔𝗜𝗟𝗬 𝗜𝗦𝗟𝗔𝗠𝗜🕊
February 27, 2025 at 03:49 PM
*🏵﷽ 🏵*
│ ✦ *जकात के मसाइल* ✦
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│ *✷पोस्ट नं-34✷*
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*★_ पैदावार पर जकात (उशर्)_★*
*★_ उशर् जमीन की पैदावार की जकात है। अगर जमीन बारानी हो कि बारिश के पानी से सैराब होती हो तो पैदावार उठने के वक्त उसका दसवां हिस्सा अल्लाह ताला के रास्ते में देना वाजिब है।*
*★_ अगर जमीन को खुद सैराब ( पानी देकर) किया जाता है (कुआं ट्यूबवेल नहर तालाब से) तो पैदावार का 20 वां हिस्सा सदका़ करना वाजिब है ।*
*★_हमारे इमाम अबू हनीफा रहमतुल्लाहि अलैह के नजदीक पैदावार कम हो या ज्यादा उस पर उशर् वाजिब है ।*
*★_जानवरों के चारे के लिए कास्त की गई फसल पर भी उशर् वाजिब है ।*
*★_एक बार उशर् अदा करने के बाद जब तक उसको बेचा नहीं जाता उस फसल पर दोबारा उशर् नहीं है, ना ही जकात।*
*★_ फसल बेचने के बाद जो रकम हासिल होगी उस पर जकात उस वक्त वाजिब होगी जब साल गुज़र जाए, अगर यह शख्स पहले से ही साहिबे निसाब है तो जिस वक्त यह अपने निसाब पर साल पूरा होने पर जकात अदा करेगा तो इस रकम पर भी जकात अदा करेगा ।*
*★_जमीन में जो अख़राजात ( खर्च ) होते हैं ( बीज खाद ट्रैक्टर वगैरह ) पैदावार में से इसको घटाया (उनका खर्च कम नहीं किया जाएगा) नहीं जाएगा, बल्कि पूरी फसल पर 20 वा या दसवा (जैसी फसल है) हिस्सा अदा करना होगा ।*
*★_काबिले फरोख्त बाग या काबिले नफा फल होने पर बेचने वाले मालिक के जिम्मे उशर् होगा।*
*★_ हिस्सेदारी की पैदावार पर अपने अपने हिस्से की पैदावार का उशर् अदा करें। उसूल यह है कि फसल जिसके घर आएगी जमीन का उशर् भी उसके जिम्मे होगा ।*
*★_उशर् की रकम को भी फुक़रा मसाकीन को दी जाएगी ।*
*➡ तमाम मसाईल को बेहतर यह है कि अपने उलमा किराम से समझा जाए।*
*★_अल्हम्दुलिल्लाह मुकम्मल हुए _,*
*📘 आप के मसाइल और उनका हल -3/ 408,*
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💕 *ʀєαd,ғσʟʟσɯ αɳd ғσʀɯαʀd*💕
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