धर्म ज्ञान R P Pathak
धर्म ज्ञान R P Pathak
February 20, 2025 at 08:36 AM
साभार... युद्ध के मैदान में पराजय से अधिक महत्वपूर्ण राजा का जीवित रहना होता है,किंतु हमारे पूर्वज राजाओं ने इस सत्य को समझने में भूल की।बाबर युद्धभूमि से प्राण बचाकर निकल गया,हुमायूं भी जीवनभर भटकता रहा,और अंततः मुगलों ने सात पीढ़ियों तक भारत पर शासन किया।इसके विपरीत,हेमू रणक्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हुआ,और उसका संघर्ष वहीं समाप्त हो गया। महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी जैसे कुछ दूरदर्शी शासकों को छोड़कर, अधिकांश भारतीय राजाओं ने युद्ध में प्राण देने को वीरता समझा,किंतु इसका परिणाम सदियों की पराधीनता के रूप में सामने आया।यदि वे युद्धनीति और राज्य संचालन की दीर्घकालिक रणनीतियों पर अधिक ध्यान देते,तो शायद भारत का इतिहास अलग होता।
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