
धर्म ज्ञान R P Pathak
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सत्य पंथ का करी प्रचारा॥ देश धर्म का करि विस्तारा || जय श्री राम हर हर महादेव
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एक चीज नोट किया मैंने,सोशल मीडिया पर भाजपा के पक्ष में आक्रामक रूप से खुलकर लिखने वाले काफी लोग अब शिथिल पड़ गए हैं।हो सकता है मेरा ऑब्जरवेशन गलत हो और मैं चाहता हूं कि मैं गलत साबित हो जाऊं लेकिन अगर यह थोड़ा भी सही है तो इसकी चिंता करनी चाहिए। मैंने देखा कि वे लोग अपने लिए कभी कुछ नहीं लिखते हैं,अतः आज भी उनकी अपने लिए कोई मांग नहीं होगी, हो सकता है वह आपको आपकी गलतियां बताएं अतः भाजपा और उससे जुड़े सभी संगठनों को उनकी कही बताई गई बातों का ध्यान रखना चाहिए और विचार करना चाहिए क्योंकि वह ना तो आपका अहित चाहते हैं और ना ही हमारे राष्ट्र और धर्म का और उनका समर्थन मात्र आपके लिए सिर्फ इसलिए था क्योंकि वह हमारी ही तरह अपने राष्ट्र और धर्म का सम्मान बनाएं रखना चाहते हैं।राम राम रहेगी सभी को!

फरवरी 20, 2025ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो। ।। ॐ सुभाषित ॐ ।। श्लोकार्धेन प्रवक्ष्यामि यदुक्तं ग्रन्थकोटिभिः । परोपकारः पुण्याय पापाय परपीडनम् ॥ जो करोडो ग्रंथों में कहा है, वह मैं आधे श्लोक में कहता हूँ; दूसरों की हित करना पुण्यकारी है, दूसरों को पीड़ित करना पापकारी है। जय श्री हरि जय श्री राम

अयोध्या पञ्चाङ्ग दिन : शनिवार दिनांक: 22 फरवरी 2025 सूर्योदय : 6:54 प्रात: सूर्यास्त : 6:15 सांय विक्रम संवत : 2081 मास : फाल्गुन पक्ष : कृष्ण तिथि : नवमी 1:19 अपराह्न तक फिर दशमी नक्षत्र : ज्येष्ठा 5:40 सांय तक फिर मूल योग : हर्षण 11:55 अपराह्न तक फिर वज्र राहुकाल : 9:44 - 11:09 पूर्वाह्न तक श्री अयोध्या नगरी जय श्री राम

साभार... युद्ध के मैदान में पराजय से अधिक महत्वपूर्ण राजा का जीवित रहना होता है,किंतु हमारे पूर्वज राजाओं ने इस सत्य को समझने में भूल की।बाबर युद्धभूमि से प्राण बचाकर निकल गया,हुमायूं भी जीवनभर भटकता रहा,और अंततः मुगलों ने सात पीढ़ियों तक भारत पर शासन किया।इसके विपरीत,हेमू रणक्षेत्र में वीरगति को प्राप्त हुआ,और उसका संघर्ष वहीं समाप्त हो गया। महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी जैसे कुछ दूरदर्शी शासकों को छोड़कर, अधिकांश भारतीय राजाओं ने युद्ध में प्राण देने को वीरता समझा,किंतु इसका परिणाम सदियों की पराधीनता के रूप में सामने आया।यदि वे युद्धनीति और राज्य संचालन की दीर्घकालिक रणनीतियों पर अधिक ध्यान देते,तो शायद भारत का इतिहास अलग होता।

अयोध्या पञ्चाङ्ग दिन : गुरुवार दिनांक: 20 फरवरी 2025 सूर्योदय : 6:54 प्रात: सूर्यास्त : 6:08 सांय विक्रम संवत : 2081 मास : फाल्गुन पक्ष : कृष्ण तिथि : सप्तमी 9:57 प्रातः तक फिर अष्टमी नक्षत्र : विशाखा 1:21 अपराह्न तक फिर अनुराधा योग : ध्रुव 11:27 अपराह्न तक फिर व्याघात राहुकाल : 1:55 - 3:19 अपराह्न तक श्री अयोध्या नगरी जय श्री राम

अयोध्या पञ्चाङ्ग दिन : शुक्रवार दिनांक: 21 फरवरी 2025 सूर्योदय : 6:57 प्रात: सूर्यास्त : 6:11 सांय विक्रम संवत : 2081 मास : फाल्गुन पक्ष : कृष्ण तिथि : अष्टमी 11:55 पूर्वाह्न तक फिर नवमी नक्षत्र : अनुराधा 3:43 अपराह्न तक फिर ज्येष्ठा योग : व्याघात 11:51 अपराह्न तक फिर हर्षण राहुकाल : 11:10 - 12:34 अपराह्न तक श्री अयोध्या नगरी जय श्री राम

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फरवरी 22, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो। ।। ॐ सुभाषित ॐ ।। आरोप्यते शिला शैले यथा यत्नेन भूयसा। निपात्यते सुखेनाधस्तथात्मा गुणदोषयोः॥ जैसे कोई पत्थर बड़े कष्ट से पहाड़ के ऊपर पहुँचाया जाता है पर बड़ी आसानी से नीचे गिर जाता है, वैसे ही हम भी अपने गुणों के कारण ऊँचे उठते हैं किंतु हम एक ही दुष्कर्म से आसानी से गिर सकते हैं। जय श्री शनिदेव जय श्री राम

फरवरी 20, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो। ।। ॐ सुभाषित ॐ ।। न धर्मशास्त्रं पठतीति कारणं, न चापि वेदाध्यनं दुरात्मनः । स्वभाव एवान्न तथातिरिच्यते, यथा प्रकृत्या मधुरं गवां पयः ।। दुष्ट व्यक्ति के स्वभाव परिवर्तन में धर्मशास्त्र का पढना अथवा वेदाध्ययन कारण नहीं हो सकता ,यहां स्वभाव की प्रधानता उसी प्रकार रहती है,जैसे कडुए कसैले आदि अनेक रसयुक्त रूखे घासों के खाने पर भी गाय का दूध स्वभावतः मधुर ही हुआ करता है। जय श्री राम

फरवरी 19, 2025 ईस्वी आज का दिन आप, आपके परिवार, आपके कुटुम्ब तथा आपके इष्ट मित्रों के लिए शुभ,सफल और मंगलमय हो। ।। ॐ सुभाषित ॐ ।। संसारकटुवृक्षस्य द्वे फले अमृतोपमे । सुभाषितरसास्वादः सङ्गतिः सुजने जने ॥ संसार के कड़वे पेड़ के दो फल होते हैं जो अमृत के समान होते हैं। एक है मधुर शब्दों का स्वाद और दूसरा सज्जन व्यक्तियों की संगति। जय श्री गणेश जय श्री राम