RSS  संघ को समझना है तो शाखा में आओ......
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February 6, 2025 at 04:06 PM
संसार में कुछ लोग इतने अज्ञानी और आलसी होते हैं, कि *"पहले तो वे स्वयं नहीं जानते कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?"* धीरे-धीरे जब पता चल भी जाता है, कि *"यह काम करना चाहिए और यह नहीं करना चाहिए. उसके बाद भी वे जानबूझकर उल्टे कर्म करते हैं।"* यदि कोई उन्हें समझाए, कि *"यह काम गलत है, इसे नहीं करना चाहिए। तो उसकी बात मानते नहीं."* बल्कि उसी को उपदेश देने लगते हैं कि *"तुम अपना काम करो, हमें सब मालूम है."* *"फिर जब अपने उल्टे कर्मों के कारण वे उलझनों में फंस जाते हैं, और उनसे बाहर निकलने का उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझता। तो वे इधर-उधर पंडितों के पास पूछते फिरते हैं, कि "पंडित जी मुझे बताइए, मेरी समस्या का हल क्या है?" ("गलतियां करें स्वयं, और उनकी समस्याओं को सुलझाएं पंडित जी!" है न आश्चर्य की बात!")* *"कुछ पंडित लोग उनकी मूर्खता या अज्ञानता का लाभ उठाते हैं, तथा उन्हें इधर-उधर भटकाते रहते हैं। इससे जब उनकी समस्या हल नहीं होती, तब फिर वे बहुत दुखी होते हैं।"* *"जो पंडित विद्वान लोग उन्हें समस्याओं से बाहर आने का सही रास्ता बताते हैं, उसमें कुछ पुरुषार्थ करना पड़ता है। परंतु वे आलसी लोग पुरुषार्थ करना नहीं चाहते।" "यूं ही मुफ्त में बैठे बिठाये काम हो जाए", ऐसा चाहते हैं। "परंतु उनकी इच्छा से तो संसार नहीं चलता न! संसार तो ईश्वर के नियमों से चलता है।"* *"इसलिए जब वे ईश्वर के नियमों के अनुसार समस्याओं का समाधान करने में पुरुषार्थ नहीं करते, तो उनकी समस्याएं जीवन भर बनी ही रहती हैं, और वे सदा दुखी होते रहते हैं। ऐसे लोगों का जीवन निष्फल हो जाता है।"* *"यदि आप भी कुछ ऐसा करते हों, तो ऐसे लोगों से शिक्षा लेवें, और उनकी नकल न करें। " "बल्कि ईमानदारी और बुद्धिमत्ता से पुरुषार्थ करें. तभी आपकी समस्याएं हल होंगी तथा आपका जीवन सुखी एवं सफल होगा।"*
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