'अपनी माटी' पत्रिका
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February 7, 2025 at 01:47 AM
उत्तर प्रदेश में कला का आरंभ सही मायने में अंग्रेजों के आगमन के पश्चात प्रारंभ हुआ। कला संस्थानों की स्थापना से लेकर व्यक्तिगत स्टूडियो तक खोले गये। हालाँकि इन कलात्मक क्षेत्रो॔ में उत्तर प्रदेश बहुत आगे रहा है। प्रारंभ से ही उत्तर प्रदेश समतल भूमि तथा बहुल जनसंख्या का क्षेत्र होने के कारण से, यहाँ कि भूमि पर अंग्रेजों ने विकास पर अत्यधिक बल दिया। प्रत्येक क्षेत्र पर जब संसाधन बढ़ रहे थे तो कला को भी बढ़ावा दिया गया। लखनऊ में स्थापित शिल्प कला महाविद्यालय यहाँ का अति प्राचीन कला संस्थान है, जहाँ पर अंग्रेजी पद्धति के अनुसार शिक्षा दी जाती थी। शोध से पता चला है कि चित्रकला के क्षेत्र में जितना यहाँ विकास हुआ है लगभग उतना ही कला के हर क्षेत्र में भी हुआ। हालाँकि यह प्रदेश भी इन माध्यमों को विकसित करने में कम नहीं रहा। हमारे देश में तत्कालीन अंग्रेजी प्रशासन का उद्देश्य व्यवसाय करना ही था, इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सारी गतिविधियां संचालित की जाती थी जिसका गहरा प्रभाव हमारी कला और संस्कृति पर भी पड़ा। कला का व्यवसायीकरण करने के लिए अंग्रेजों ने भरसक प्रयास किये और कला संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों को इन्होने अपने संरक्षण में लेते हुए इस विधा को कला के रूप में भी विकसित करने की योजना बनाई। उत्तर प्रदेश के कला संस्थानों ने भी अपनी महंती जिम्मेदारी निभाते हुए अनेकों कलाकारों के माध्यम से इस कला को पोषित किया। उत्तर प्रदेश के लखनऊ क्षेत्र में कुछ अंग्रेजी कलाकारों के द्वारा तैयार किये गये मूल चित्रों की कृतियों को लिथोग्राफ में परिवर्तित करके “सीज ऑफ लखनऊ” नामक एल्बम बना कर प्रकाशित किया, और इन कलाकृतियों को देश के संपूर्ण कलाकारों द्वारा सराहा गया, इस प्रकार कला की विधाओं में नए-नए शीर्षक व आयाम जुड़ते गये। इस प्रकार हमारी कला का निरंतर विस्तार होता रहा स्वतंत्रता के दौरान कलाकार, लेखक, कवि, पत्रकार तथा राजनेता को अपने-अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिये वृहद स्तर पर प्रिंटमीडिया का आश्रय लेना पड़ा। इसी भाँति कला खूब फली-फूली व छापाचित्र कला सम्बन्धी नवीन प्रयोग भी इसी अवधि में किये गये। [" शोध आलेख : उत्तर प्रदेश के कला में क्षेत्रीय कला केंद्र लखनऊ का योगदान / त्रिभुवन कुमार "अपनी माटी के इस आलेख को पूरा पढ़ने के लिए दिए गए लिंक पर जाएं ( दृश्यकला विशेषांक अंक - 55 ) ] लिंक 👉 https://www.apnimaati.com/2024/12/blog-post_24.html

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