'अपनी माटी' पत्रिका
'अपनी माटी' पत्रिका
February 18, 2025 at 01:12 PM
आध्यात्मिकता और अमूर्तता दोनों ही इकाइयां आपस में गहराई से जुड़ी हुई हैं और मानव जीवन के अभिन्न पहलुओं को समझने का एक अलग आयाम प्रदान करती हैं। ये पारंपरिक सोच की सीमाओं को पार कर ब्रह्मांड और जीवन के रहस्यमय संबंधों को उजागर करती हुई रहस्यवादी परंपराओं, कलात्मक अभिव्यक्तियों, दार्शनिक विचारों, और वैज्ञानिक अनुसंधानों के माध्यम से अमूर्तता आध्यात्मिक विचारों को सजीव रूपों में न केवल बदलती है अपितु हमारे अस्तित्व से जुड़े गहरे संबंधों और अनुभूतियों को प्रकट करती है। आधुनिक समय में, यह निरंतर खोज और आत्म-चिंतन तथा आत्म बोध की प्रक्रिया में मदद करती है। मार्क रोथको ने एक बार कहा था, "मुझे रंग और रूप या किसी अन्य चीज़ के संबंध में कोई रुचि नहीं है। मुझे केवल बुनियादी मानव भावनाओं को व्यक्त करने में रुचि है।" इसी तरह, कान्डिन्स्की ने कहा, "स्वतंत्र रूप, भले ही पूरी तरह से अमूर्त हो, एक ध्वनि के साथ गूंजता है, और यही ध्वनि है जिसे हर निर्माता अपने काम में कैप्चर करने की कोशिश करता है, उसकी आंतरिक गूंज को सुनते हुए।" अमूर्तन चेतना की अंतिम स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करता है, कठोर नियमों को पार करते हुए भावनाओं, अंतर्ज्ञान और रचनात्मकता को उजागर करता है। यह एक निरंतर अन्वेषण और आनंद की प्रक्रिया है, जो रंगों और रूपों के माध्यम से व्यक्त की जाती है। प्रकृति सभी अमूर्त कलाकारों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा का स्रोत है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ अनगिनत घटनाएँ घटित होती हैं, असीम ध्वनियों और गहरी चुप्पी से भरा हुआ है। प्रकृति से रंग, रेखाएँ और रूप उत्पन्न होते हैं, जिन्हें चित्रकार अपनी धारणाओं के माध्यम से कैप्चर करने की कोशिश करते हैं। प्रकृति, एक रूप में, कल्पना को अपने चारों ओर बुनती है, परिवर्तन को प्रदर्शित करती है। संतुलन, लय और सामंजस्य भी प्रकृति या इसके विभिन्न घटकों के चक्र हैं, जो किसी भी दृश्य अनुभव को पूरा करने में सहायक होते हैं। अमूर्तन स्वाभाविक रूप से एक अनूठी शक्ति रखता है क्योंकि यह दर्शक की चेतना में प्रवेश करता है, अवचेतन को जागृत करता है। यह अनंत संभावनाओं के साथ संवाद करके कई अर्थ उत्पन्न करता है। निःसंदेह, अमूर्तन की अपनी एक विशेष भाषा है, शब्दों से परे एक शब्दावली है, और इसका अनुभव एक समृद्ध साक्षात्कार है। [ *आलेख : अमूर्त कला का आध्यात्मिक उन्मेष / अमित कल्ला* लिंक - https://www.apnimaati.com/2024/12/blog-post_78.html?m=1 ]

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