मोहब्बत शायरी
February 13, 2025 at 04:59 PM
मैं निष्ठुर समर्पण की नई
परिभाषा गढ़ रहा हूँ
संबंधो की विवेचना में
अंतर्मन का विरोधाभास ढूंढ रहा हूँ.....