
मोहब्बत शायरी
February 19, 2025 at 07:41 PM
हां भुलाना चाहता हूं....
तुम्हारे उन रेशमी बालो की महक को
तुम्हारे उन प्यारी आंखों की चमक को
तुम्हारे लिए कुछ भी कर जाने वाले जूनून को
हां भुलाना चाहता हूं मैं.....
तुमसे मिलकर मिलने वाली उस खुशी को
तुमसे बिछड़कर होने वाली उस उदासी को
तुम्हारे साथ बिताए हुए उन पल को
तुम्हारा मुझे छोड़ के जाने के डर को
हां भुलाना चाहता हूं मैं अब.....
तुम्हारे लिए बहाए हुए उन अश्कों को
तुम्हारे इंतजार में बिताए उन लम्हों को
तुम्हे पल पल आवाज लगाती उन सिसकियों को
तुम्हारी याद में रोते हुए बिताई गई हर उन रातों को
हा मैं अब सब कुछ भुलाना चाहता हूं .....
❤️❤️💔💔❤️❤️