Ashok Gehlot
Ashok Gehlot
February 12, 2025 at 07:33 AM
यह न्याय के चक्र का उदाहरण है। जो अधिकारी या कर्मचारी सत्ता के दबाव में या निजी हितों के चलते किसी के भी साथ अन्याय करते हैं वो न्याय के चक्र से नहीं बच सकते। नौकरी के दौरान की गई गलतियां रिटायरमेंट के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती हैं। 41 साल पुराने मुकदमे में गुजरात के डीजीपी रहे अधिकारी को सजा होना इसी का उदाहरण है।
👍 🙏 5

Comments