
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
February 25, 2025 at 04:18 PM
*li.शुभरात्रि–संदेश.il*
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*''अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा*
*फाउंडेशन"* (पंजीकृत) द्वारा *संचालित*
li.अखण्ड–सनातन–समिति🚩🇮🇳.il
हमारे जीवन में दुःख दो प्रकार के होते हैं एक है प्रारब्ध से प्राप्त अकाट्य-अभाव, वेदना या क्षति और दूसरा कल्पनाओं के सुख को न मिल पाने का दुःख *...*…
पहला हमें भोगना ही होता है किंतु दूसरे दुःख के जनक हम स्वयं होते हैं इसकी सत्ता हमारी भविष्य की योजनाओं में छुपी रहती है *...*…
हम सभी प्रायः इसी दुःख (न भोग पाने के सुख) से दुःखी रहते हैं ये घोर अज्ञानता है मनुष्य जीवन की *...*…
कदाचित अब हमारे जीवन की दिशा ही कुछ ऐसी परिवर्तित हो चली है कि यदि हम जीवन में ऐशो आराम न कर पाए तो हमारा जीवन ही व्यर्थ है *...*…
और ये भूल जाते कि जिन पूर्वजों ने हमारे लिए अपना सर्वस्व लुटा दिया यदि उन्होंने भी इसी संकीर्ण परंपरा का निर्वहन किया होता तो हम आज वर्तमान जीवन के लिए ही संघर्ष कर रहे होते *...*…
इसलिए सदा स्मरण रखना चाहिए कि हमने जो भी पाया है वही हमारा हिस्सा है ये परमात्मा का बंटवारा है इसमें पक्षपात संभव नहीं *...*…
आज अपने प्रभु से जीवन को सदा कृतज्ञ भाव से जीने की अलौकिक प्रार्थना के साथ *...*…
🌹li.शुभरात्रि.il 🌹
*li.शुभ-कल्याण.il*
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