अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
March 1, 2025 at 12:06 PM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित*
*अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳*
*क्रमांक~ १५*
😷🫵🏻
*इतनी जोर से कौन मारता है?*
(व्हाट्सएप से साभार)
मोदी और शाह क्या कर रहे हैं?
बस उसी जूते से मार रहे हैं जिस जूते से कभी उन्होंने अटल जी को मारा था।
आज मोदी शाह उसी जूते से कांग्रेस को दाल परोस रहे हैं *इसे ही कहते हैं* 'मियां की जूती मियां के सर'।
आज कांग्रेस पार्टी के साथ जो कुछ मोदी और अमित शाह की जोड़ी कर रही है मैं बार-बार कह रहा हूँ कि यह कांग्रेस जिस लायक है *उससे वैसा ही बहुत बढ़िया सुलूक कर रही है* वरना कांग्रेस पार्टी के सिर्फ नेतृत्व के साथ-साथ सभी कांग्रेसी नेताओं के पिछवाड़े लोंग के तेल में ज्वाला मिर्ची का पेस्ट बनाकर रोज लगाना चाहिए और सोनिया गैंग के भ्रष्ट कांग्रेसी नेताओं के तड़पने का आनंद लेना चाहिये।
आज कांग्रेसी नेताओं को आप सुनेंगे तो यह कहेंगे बीजेपी में नैतिकता नहीं है।
बीजेपी विधायक खरीद रही है
बीजेपी सांसद खरीद रही है
बीजेपी सरकार गिरा रही है
ब्ला ब्ला
प्याँ प्याँ प्याँ
अटल जी के साथ इस सोनिया गांधी और उसके सलाहकार अहमद पटेल ने जो कुछ किया था *पत्रकार स्वप्नदास गुप्ता के अनुसार—*
*अटल जी के आंखों में आंसू आ गए थे और वहां मौजूद कई लोगों ने अटल जी को रोते देखा था*।
16 अप्रैल 1999 को अटल जी के सरकार का बहुमत परीक्षण होने वाला था अटल जी आश्वस्त थे कि वह बहुमत साबित कर देंगे।
कांग्रेस ने इतना गंदा खेल खेला कि एनडीए में शामिल अकाली दल के सांसद इंद्रकुमार गुजराल को तोड़ा और गुजराल ने ह्विप का उल्लंघन करके अटल जी के खिलाफ वोट डाला।
इसके अलावा उस वक्त फारुख अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस जो NDA में शामिल थी *उस नेशनल कांफ्रेंस के सैफुद्दीन सोज को अहमद पटेल ने कुरान की कसम देकर* अटल जी के सरकार के खिलाफ वोट देने को कहा था।
*यह सब तो ठीक था*
उससे भी बढ़कर नीचता देखकर उस वक्त सब चौंक गए कि *जब 15 फरवरी को ही उड़ीसा के मुख्यमंत्री का शपथ ले चुके गिरधर गोमांग सदन में आ गये थे*।
नैतिकता के अनुसार जब वह मुख्यमंत्री पद का शपथ ले लिए तब उन्हें संसद से इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन फरवरी में वह मुख्यमंत्री बनें और अप्रैल तक उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया।
यह तो अटल जी की महानता थी कि उन्होंने सदन में खड़े होकर कहा था—
*मैं सोनिया गांधी और गिरधर गोमांग के विवेक पर छोड़ता हूं कि* क्या वह जो कर रहे हैं वह नैतिक रूप से ठीक है *और मुझे विश्वास है कि अपनी अंतरात्मा की आवाज मानते हुए* गिरधर गोमांग सदन की वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे *क्योंकि वह एक मुख्यमंत्री बने हैं*।
लेकिन उसके बावजूद भी भारत के लोकतंत्र का बलात्कार करते हुए सोनिया गांधी ने गिरधर गोमांग से वोट दिलवाया था *और मात्र एक वोट से अटल जी की सरकार गिर गयी थी*।
बाद में लॉबी में सारे पत्रकार थे और अटल जी की आंखें आंसुओं से भरी हुई थी *क्योंकि अटल जी को विश्वास था की सोनिया गांधी और गिरधर गोमांग देश के लोकतंत्र का सम्मान करेंगे*।
एक जमाना था जब बीजेपी में नैतिकता उदारवादी बहुत चलती थी और जिसका फायदा इन कांग्रेसियों ने खूब खूब उठाया।
अब मोदी और अमित शाह *कांग्रेस को एक-एक वोट के लिए एक-एक सरकार के लिए तरसा दे रहे हैं* जब भी कोई कांग्रेस की सरकार गिरती है *तो कसम से मेरे दिल को बड़ा सुकून मिलता है*।
मैं अटल जी को याद करके सोचता हूं कि अटल जी तो बेहद शरीफ सज्जन और सतयुग के आदमी थे *लेकिन आज इन कांग्रेसियों को मोदी और शाह जिस तरह "सेंड-पेपर"* (रेगमार) पर बिठाकर रगड़ रहे है ना! *ये झूठे संविधान वाले*, *तथाकथित लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले इसी के लायक है*।
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