Anjuman Zeya E Akhtar
Anjuman Zeya E Akhtar
February 7, 2025 at 04:30 AM
"अब्दुल, तेरी कयामत करीब है...!!" श्रद्धालु भटके? तूने घर में पनाह दी! भूख लगी? तूने रोटी-पानी दिया! सुविधा चाहिए थी? अपना टॉयलेट तक खोल दिया! ...और अब तैयार हो जा "इनाम" लेने के लिए! घर वापसी" के लिए नोटिस आएगा! लव-जिहाद" का ठप्पा लगेगा! मदद के बदले मिशनरी एजेंडा" बताकर केस ठोका जाएगा! TV पर "कट्टरपंथी साजिश" का ब्रेकिंग न्यूज़ बनेगा! मुसलमानों को उड़ता तीर हाथ में लेने का बहुत बड़ा शौक है देख रहा है न अब्दुल...? तू सेवा कर रहा था, और ये "नया इंडिया" तेरी कब्र खोद रहा था...!!
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