
Anjuman Zeya E Akhtar
118 subscribers
Similar Channels
Swipe to see more
Posts

एक फतवा आया था शेख असरार राशिद साहब क़िब्ला इंग्लैंण्ड की जानिब से जिसका मफ़हूम ये था कि मौजूदा हालत #जीम की है इधर और उधर की, जो इधर से कलमे वाला गया वो हराम के साथ गया , एक फतवा आया है अफगानिस्तान के एक बड़े शेख की जानिब से कि ये महज़ मुल्की तनाज़े है इसका जीम से कोई लेना देना नहीं , और मुझे अफगानिस्तान के शेख का फतवा हक़ के ज़्यादा क़रीब नज़र आता है , कई लोगों ने मुझ जैसे नाक़ीसुल अक़्ल से पूछा कि असरार साहब तो ये कह रहे हैँ इसमें क्या हक़ीक़त है , मैंने जवाब दिया कि ये उनका अपना मौक़िफ़ हो सकता है , क़ुरआन हदीस का फरमान नहीं , मुफ़्ती फतवा देने में गलती भी कर सकता है , अब वजह सुनिए , इधर वाले जिस तरह से ज़मीन के एक खित्ते को खुदा का दर्जा दिए हुए हैँ , उधर वाले भी कोई वतन परसती में किसी से कम नहीं हैँ , ये और बात है कि खुदा न कहते हों मगर ज़मीन के खित्ते के लिए ही उनका अमल होता है न कि किसी धर्म मज़हब के लिए , अगर वाक़ई में मज़हब के लिए है तो बताइये अफगानिस्तान के इतने रिफ्यूजीस इन्होंने भगाए और गालियां दीं सोशल मिडिया पर सब विडिओस मौजूद हैँ वो किसी दूसरे धर्म के थे ?? अफगानियों से इनका 36 का आंकड़ा है वो किसी मूर्ति पूजा में मुलवविस हैँ ?? हमने तो इनके साथ अरसा गुज़ारा है दुबई में हम अच्छे से जानते हैँ इनकी वतन परस्ती और मज़हब परस्ती हमें न समझाइयेगा ,, चंद एक अहले इल्म को छोड़कर अक्सरीयत ज़मीनी खित्ते के लिए काम करती है न कि मज़हब धर्म के लिए ,, और जब बात होती है तो अक्सरीयत पर होती है अक़लियत पर नहीं ,, ये बात ज़रूर है कि जानिबैन ने लोगों को जमकर उल्लू बनाया है अपने अपने मज़हब के नाम पर , उसने अपने मज़हब को ढाल बनाया तो दूसरे ने अपने , मगर हक़ीक़त इन सबसे कोसों दूर हैँ , और गालियां खाई यहाँ के बुल्लों ने दोनों तरफ से 😠😠😠😠😠 एक और बात सुन लीजिये जो गुण गाते हैँ वहाँ के , उनको तुमसे कोई सरोकार नहीं है तुम उनकी नज़र में वैसे ही हो जैसा वो सबको समझते हैँ किसी ख़ुश फहमी में न रहो , जब कभी वक़्त आएगा तो तुम्हें अपना ज़ख्म खुद ही साफ करना है ये याद रखो ,,, कोई तुम्हारा यारो मददगार नहीं है , गा ज़ा की तरह ,,, अगर अब भी आप सोचते हैँ की उन्हें बहुत हमदर्दी है अपने हम मज़हब से तो बताइये वहाँ से गा ज़ा के लिए जीम का फतवा आने के बाद भी अब तक कितनी कार्रवाई हो चुकी है उस फतवे के मुताबिक़ ?? बे वक़ूफ़ मत बनो किसी के चककर में वरना माँ बाप की चप्पल घिस जाएंगी और ज़मानत भी न होगी , जैसा कि कइयों के साथ हो भी चुका है ऐसा कहीं सच्ची ख़बर है कहीं झूठा फंसाया गया है , अब तुम्हें खुद झेलना है बीवी बच्चे माँ बाप सब तुम्हारे लिए ही दौड़ेंगे जिंदगी भर ,,, फ़ितरत के तक़ाज़े के मुताबिक़ जहाँ रहते हो वहाँ से मुहब्बत करो ,, परसतीश नहीं मगर फ़ितरत को भी न झूठलाओ हाँ हद से भी आगे न बढ़ो,,


मुझ पर निगाह-ए-लुत्फ़ फरमा दीजिए आप तो हर मरीज़ के तबीब हैं आप की बहादुर उम्मत ग़ज़ा में शहीद हो रही है उन पर निगाह-ए-रहमत फरमा दीजिए अस-सलातु वस-सलामु अलैका या सय्यदी या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम आप हज़रात आज जुमे की नमाज़ में फलस्तीन, ग़ज़ा के मज़लूम मुसलमानों को ज़रूर याद करें उन पर बड़े ज़ुल्म हो रहे हैं 💔 ~ अब्द-ए-मुस्तफ़ा


हुज़ूर मुहद्दिस-ए-कबीर❤️ अल्लामा ज़िया-उल-मुस्तफा अज़मी क़ादरी रज़वी

मुल्क के हालात व कारोबारी परेशानियों से निजात के लिए मुसलमान अपनी मस्जिदों में जुमआ के वक़्त इजतेमाई दुआ़ ख्वानी का एहतेमाम करें और उम्मत मुस्लिमा नमाज़ की पाबंदी करे। ✍🏼काज़ी शहर बनारस मौलाना जमील अह़मद क़ादरी रज़वी


💥💖 फिर से खुशखबरी💖💥 #अलहम्दुलिल्लाह चिश्ती शहज़ादों का काफिला मस्लक-ए-आला हज़रत में दिन-ब-दिन बढ़ रहा है 🤩 आल-ए-रसूल, जिगर गोश-ए-बतूल, हज़रत अल्लामा सय्यद सोहेल मियां चिश्ती साहब क़िबला ने अपनी गलतियों का एतराफ करते हुए हुज़ूर क़ायद-ए-मिल्लत की बारगाह में माफी मांगी। सहाबा-ए-किराम की मोहब्बत का दम भरा और रफ़्ज़ियत व नाम निहाद मौलाई फिरके को लात मारकर सच्चे पक्के सुन्नी हुसैनी बरेलवी मस्लक की तरफ आ गए। #अलहम्दुलिल्लाह अल्लाह करीम सय्यद साहब क़िबला की तौबा क़ुबूल फरमाए और हमें भी माफ फरमाए। तेरी नस्ल-ए-पाक में है बच्चा-बच्चा नूर का तू है ऐन-ए-नूर, तेरा सब घराना नूर का @syed_aafaqi 📽️ वीडियो देखें: यहाँ क्लिक करें https://youtu.be/jLD-ajZ_97o

80 दिनों बाद भरपेट रोटी नसीब हुई...😢 या अल्लाह! सब्र और इस्तिक़ामत के इन पहाड़ों पर अपनी रहमत बरसा। आमीन।💔 #ग़ज़ा #फिलिस्तीन

बिल्कुल असली वीडियो है AI जेनरेटेड नही है 3,4 जगह से क्रॉस चेक करने के बाद पोस्ट कर रहा हूँ। एक बार यह वीडियो देखिये। बालों को खोलकर नाचने वाली सभी लड़कियां मुसलमान हैं। टिकटोक पर या रील बनाकर पैसे कमाने के लिए नही नाच रही हैं बल्कि सो कॉल्ड इस्लामी ख़लीफ़ा के मेहमान दोलांड ट्रम्प को ख़ुश करने के लिए इनको सेल्फ़ क्लेमेड इस्लामी ख़लीफ़ा ने नाचने का हुक्म दिया है। यूएई में एक सरकारी तक़रीब के दौरान अमरीका के सदर डोनाल्ड ट्रम्प का वहां के बादशाह और कुछ हिंदी मुसलमानों के ख़लीफ़ा मोहम्मद बिन ज़ायद की तरफ़ से इस्तक़बाल किया जा रहा था। लेकिन इस्तक़बाल का अंदाज़ ऐसा कि रूह कांप जाए। सफ़ेद लिबासों में लिपटी हुई लड़कियाँ, खुले बालों में लाइन से खड़ी। और जैसे ही ट्रम्प उनके दरमियान से गुज़रे, सब ने अपने सर गोल गोल घुमा कर बालों को लहराना शुरू कर दिया। ये सब कैमरों के सामने, सैकड़ों लोगों के सामने और हाँ, सबसे बढ़ कर अल्लाह के सामने। ऊपर से बड़ी बात यह के ये लोग ख़ुद को तौहीद वाले कहते हैं। सवाल ये नहीं कि ट्रम्प कौन है। सवाल ये भी नहीं कि कौन सा मुल्क है। सवाल ये है कि क्या मुसलमान औरत का ये शायान-ए-शान है? क्या इस्लाम हमें यही सिखाता है? इस्लाम ने औरत को इज़्ज़त दी, पर्दा दिया, हया दी, तक़द्दुस दिया। लेकिन आज उसी औरत को उसकी सबसे बड़ी दौलत — हया — से महरूम किया जा रहा है। खुले बालों के साथ, गैर-मर्दों के सामने जिस्म को हिलाना, बालों को लहराना — ये सब क्या सिर्फ "रिवायत" के नाम पर जायज़ हो जाएगा? खुले बाल, जिस्म की हरकत, लिबास की नज़ाकत — ये सब ज़ीनत है। और जब ये सब किसी ग़ैर-महरम मर्द के सामने किया जाए तो ये बेहयाई है, गुनाह है, अल्लाह की नाफ़रमानी है सरकारी तक़रीब में बेहयाई? आज मुसलमान हुक्काम खुद इन तक़रीबों के सरपरस्त हैं। औरतों को बाल लहराने के लिए लाइन में खड़ा करना, ट्रम्प जैसे लोगों के सामने अपने मुल्क की बेटियों को नचवाना ये क्या इस उम्मत की गैरत है? https://whatsapp.com/channel/0029VaA7lGb59Pwb3kkrbB2k

*13-June-2025 Tehreer Me Shara'it E Munazrah*. 👆 *Taqreer (Voice) Me Sharait Munazrah...* 👇 https://youtu.be/m1iMtzLKMEk?si=K60OzTPncn6wwlSj
