
Anjuman Zeya E Akhtar
February 10, 2025 at 09:33 AM
जब भी ये नात ए शरीफ सुनता हूँ तो आँख नम हो जाती है , क़ुर्बान जाऊँ ऐ इमाम ए बरेलवी
तेरे इश्क़ पर जो अपने कलाम से हमारे ईमान को तरो ताज़ा कर रखा है आज भी 🤩
❤️
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