
Kanzul Hidaya
February 3, 2025 at 10:10 AM
इस वक़्त हम हज़रते इमाम हसन असकरी के मज़ार पर हाज़िर हैं
ईरान ने दो बार इस जगह विस्फोट किए,
2006 और 2007
में;
इसलिए यहां दो बार तामीर का काम हुआ मगर बर्बाद हो गया.💔
ईरान ने 54k बॉम्ब सिर्फ़ इस इलाक़े में गिराए;
यहां हम अपनी आँखों से देख रहे हैं कि सुन्नी मस्जिदों पर गोलियों और हमलों के निशान दिखाई दे रहे हैं.😭
जिसका भी नाम अबू बक्र, उ़मर, सुफ़्यान था उसे नहरे ख़ालस़ के किनारे शीआ़ फ़ौज ने क़त्ल कर दिया;
हज़ारों सुन्नी शहीद किए गए.
💔😭💔
😢
❤️
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