
Krishi Darshan
February 23, 2025 at 03:38 PM
उत्तर प्रदेश को जलवायु, मृदा के प्रकार, वर्षा पैटर्न और कृषि उत्पादकता के आधार पर नौ कृषि-जलवायु क्षेत्रों (Agro-Climatic Zones) में विभाजित किया गया है। ये क्षेत्र कृषि योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने और फसलों की उपयुक्तता को समझने में मदद करते हैं।
उत्तर प्रदेश के 9 एग्रो-क्लाइमेटिक जोन:
1. तराई एवं भावर क्षेत्र (Tarai and Bhabar Zone)
स्थान: उत्तर-पश्चिमी तराई क्षेत्र (पश्चिमी नेपाल से सटे जिलों में)
मिट्टी: दोमट एवं बलुई दोमट, अच्छी जल धारण क्षमता वाली
वर्षा: 1200-1400 मिमी
मुख्य फसलें: धान, गन्ना, गेहूं, दालें, मक्का, सब्जियां
2. पश्चिमी सीमान्त क्षेत्र (Western Plain Zone)
स्थान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश (सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, बुलंदशहर आदि)
मिट्टी: गंगा-यमुना दोआब की उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी
वर्षा: 850-1100 मिमी
मुख्य फसलें: गन्ना, गेहूं, धान, आलू, सरसों, बाजरा
3. मध्य पश्चिमी क्षेत्र (Central Western Zone)
स्थान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मध्य भाग (कानपुर, हरदोई, उन्नाव आदि)
मिट्टी: जलोढ़ एवं दोमट मिट्टी
वर्षा: 800-1000 मिमी
मुख्य फसलें: गेहूं, धान, गन्ना, आलू, सरसों
4. दक्षिण पश्चिमी अर्ध-शुष्क क्षेत्र (South Western Semi-Arid Zone)
स्थान: बुंदेलखंड (झांसी, ललितपुर, जालौन आदि)
मिट्टी: काली मिट्टी, पथरीली मिट्टी
वर्षा: 600-850 मिमी
मुख्य फसलें: चना, अरहर, मूंगफली, बाजरा, गेहूं
5. मध्य पूर्वी क्षेत्र (Central Eastern Zone)
स्थान: पूर्वी उत्तर प्रदेश का मध्य भाग (अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद आदि)
मिट्टी: जलोढ़ एवं दोमट
वर्षा: 1000-1200 मिमी
मुख्य फसलें: धान, गेहूं, सरसों, आलू, दालें
6. पूर्वी क्षेत्र (Eastern Plain Zone)
स्थान: गंगा-घाघरा का दोआब (गोरखपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर आदि)
मिट्टी: उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी
वर्षा: 1100-1400 मिमी
मुख्य फसलें: धान, गेहूं, मक्का, दलहन, गन्ना
7. विंध्याचल क्षेत्र (Vindhyan Zone)
स्थान: सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली
मिट्टी: लाल, काली और पथरीली मिट्टी
वर्षा: 800-1000 मिमी
मुख्य फसलें: ज्वार, बाजरा, मूंगफली, चना
8. उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (North Eastern Zone)
स्थान: नेपाल सीमा से सटा क्षेत्र (महराजगंज, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर आदि)
मिट्टी: जलोढ़ मिट्टी
वर्षा: 1200-1500 मिमी
मुख्य फसलें: धान, गेहूं, मक्का, दलहन
9. बुंदेलखंड क्षेत्र (Bundelkhand Zone)
स्थान: बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर
मिट्टी: काली मिट्टी, पथरीली मिट्टी
वर्षा: 600-800 मिमी
मुख्य फसलें: ज्वार, बाजरा, मूंगफली, अरहर
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश का कृषि परिदृश्य बहुत विविध है, और प्रत्येक एग्रो-क्लाइमेटिक जोन में अलग-अलग फसलें उगाई जाती हैं। जलवायु, मिट्टी और वर्षा के आधार पर इन क्षेत्रों में खेती के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपनाई जाती हैं।
💙
1