
राजस्थान जीके (Rajasthan GK )
February 3, 2025 at 06:45 AM
[9] विग्रहराज 4 (1153 - 63)
इतिहासकार दशरथ शर्मा के अनुसार इसका शासन काल अजमेर चौहानों का स्वर्णकाल था । इसने गजनी के राजा खुसरोशाह को हराया था। बिजौलिया अभिलेख के अनुसार दिल्ली(ढिल्लिका) पर विजय प्राप्त की थी, तथा अब दिल्ली के तोमर चौहानों के सामंत बन गए । अशोक का टोपरा अभिलेख (हरियाणा) जो 7 पंक्तियों में है ओर इस अभिलेख के ठीक नीचे विग्रहराज ने दिल्ली शिवालिक स्तम्भ लेख लगवाया था।
अपने दरबारी विद्वान धर्मघोष सूरी के कहने पर इसने एकादशी पर पशुहत्या पर रोक लगा दी गई।
इसने अजमेर में सरस्वती कण्ठाभरण नामक संस्कृत पाठशाला की स्थापना की कालांतर में कुतुबद्दीन ऐबक ने इस पाठशाला को तोड़ दिया तथा इसे मस्जिद में बदल दिया जिसे " अढ़ाई दिन का झोपड़ा" कहा जाता हैं। इस मस्जिद के पास पीरपंजाब शाह का अढ़ाई दिन उर्स मनाया जाता है।
इसने ' हरकेली ' तथा ' किरातार्जुनीयम् ' पर आधारित है ।
इसने हरकेली तथा ललित विग्रहराज की पंक्तियां संस्कृत पाठशाला के दीवारों पे लिखाई गई। इसने बीसलपुर (टोंक) नगर की स्थापना की थी तथा यहां पर तलब और शिव मंदिर का निर्माण कराया था।
दरबारी विद्वान सोमदेव ने ' ललित विग्रहराज' रचना की इस पुस्तक में विग्रहराज 4 तथा रानी देसलदेवी की प्रेम कहानी का वर्णन है तथा इसके अनुसार गजनी के राजा खुसरोशाह को हराया था।
विग्रहराज 4 की उपाधियां (1) बिसलदेव, (2) कवि बंधु (पृथ्वीराज विजय के अनुसार)
[10] अपरगांग्य
यह विग्रहराज 4 का बेटा था।तथा इसके जगदेव के बेटे पृथ्वीराज2 ने हटा दिया।